पत्नी के TMC में शामिल होने से बौखलाए बीजेपी सांसद, कहा, तलाक दे दूंगा

बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने पत्नी के टीएमसी में जाने पर किया 10 साल के रिश्ते को तोड़ने का एलान, पत्नी सुजाता मंडल को उम्मीद, एक दिन पति भी छोड़ें देंगे बीजेपी

Updated: Dec 22, 2020, 12:28 AM IST

Photo Courtesy : The Statesman
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक जारी है। अमित शाह के दिल्ली लौटते ही अब ममता बनर्जी ने बीजेपी को झटका देना शुरू कर दिया है। बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष व बिष्णुपुर से सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पत्नी के इस निर्णय से तिलमिलाए बीजेपी सांसद अब पत्नी से रिश्ता तोड़कर तलाक देने की बात कर रहे हैं, जबकि पत्नी सुजाता मंडल को उम्मीद है कि एक दिन उनके पति को सच्चाई का एहसास होगा और वे बीजेपी को छोड़ देंगे।

पत्नी के तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। इस दौरान वह लगभग रो पड़े। हालांकि उन्होंने गुस्से में आकर सुजाता से सभी रिश्ते खत्म करने की बात भी कही। सौमित्र ने मीडिया से कहा है कि राजनीति के कारण हमारा 10 वर्षों का रिश्ता खत्म हो गया है। उन्होंने कहा है कि अब वह तलाक के लिए पेपर्स फ़ाइल करेंगे और बीजेपी के लिए पहले से भी ज्यादा मेहनत करेंगे।

हालांकि सुजाता मंडल को अब भी उम्मीद है की सौमित्र की आंखें भी एक दिन ज़रूर खुलेंगी और वह बीजेपी छोड़ देंगे। सुजाता ने कहा, 'मैं खुली सांस लेना चाहती हूं। मैं सम्मान चाहती हूं। मैं एक सक्षम पार्टी की सक्षम नेता बनना चाहती हूं। मैं अपनी प्यारी दीदी के साथ काम करना चाहती हूं।' उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में 'नए, अक्षम और भ्रष्ट लोगों' को ज्यादा अहमियत मिल रही है।

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सुजाता ने आगे कहा कि 'मैंने अपने पति के चुनाव के लिए कितना कुछ त्याग किया लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला।' यह पूछने पर कि क्या उनके पति भी स्विच करेंगे, मंडल ने कहा कि 'यह उनके ऊपर है कि वो क्या करना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि एक दिन उन्हें भी एक दिन एहसास होगा। किसे पता शायद वो भी कभी टीएमसी में लौट आएं।' इसके पहले सुजाता मंडल ने कहा था कि उनका परिवार और राजनीति दोनों अलग-अलग चीजें हैं।

साल 2019 लोकसभा चुनाव के बारे में बात करते हुए सुजाता ने कहा कि, 'मैं एक तपशील जनजाति से आने वाली दलित महिला हूं। मैंने बीजेपी और अपने पति के लिए लड़ाई लड़ी थी। हमें टिकट मिला और लोक सभा में जीत हासिल की। मुझे लगता है कि बीजेपी में अब केवल अवसरवादियों को जगह मिल रही है। हम पार्टी के लिए उस वक्त खड़े थे, जब हमें पता भी नहीं था कि वे 2 से 18 सीटें जीत जाएंगे। हमारे पास न तो कोई सुरक्षा थी और न ही कोई बैक-अप। लेकिन हम जनता के समर्थन से लड़े और जीते।'

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शुभेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने पर सुजाता मंडल ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता है कि दागियों को शुद्ध करने के लिए किस तरह के साबुन का इस्तेमाल किया जाता है। गौरतलब है कि सौमित्र को सांसद बनने का श्रेय सुजाता को ही जाता है। चुनाव के दौरान कोर्ट से उन्हें एक आपराधिक मामले में सशर्त जमानत दी गई थी। शर्त यह थी कि वो अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए नहीं जाएंगे। ऐसे में सुजाता मंडल ने ही बिष्णुपुर में अकेले प्रचार किया और अपने पति को चुनाव जिताने में कामयाब रहीं।