उत्तराखंड बीजेपी में असंतोष की अटकलें, रमन सिंह और दुष्यंत गौतम देहरादून पहुंचे

कई विधायकों के बग़ावती तेवर की वजह से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी संकट में पड़ने की खबर, बीजेपी ने रमन सिंह और दुष्यंत गौतम को ऑब्ज़र्वर के तौर पर उत्तराखंड भेजा

Updated: Mar 06, 2021, 09:13 PM IST

Photo Courtesy: DNA India
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दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड बीजेपी में असंतोष की वजह से राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के संकट में पड़ने की अटकलें अचानक तेज़ हो गई हैं। सूत्रों के हवाले से मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि बीजेपी के 22 विधायकों और मंत्रिमंडल में शामिल 10 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिए हैं। हालात को तेज़ी से बिगड़ते देखकर बीजेपी आलाकमान ने डैमेज कंट्रोल की कवायद भी शुरू कर दी है।

पार्टी ने उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को ऑब्ज़र्वर बना कर उत्तराखंड के दौरे पर भेजा है। दोनों नेताओं को पार्टी आलाकमान ने राज्य की राजनीतिक हलचल का जायज़ा लेने के लिए भेजा है। पार्टी आलाकमान ने दोनों नेताओं को सियासी घटनाक्रमों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा है। दोनों नेता शनिवार को उत्तराखंड पहुँच भी गए हैं। दोनों के उत्तराखंड आगमन के बाद राज्य में और खासकर बीजेपी के भीतर सियासी हलचल तेज़ हो गई हैं।

दोनों को उत्तराखंड क्यों भेजा गया है 
मीडिया में ऐसी ख़बरें चल रहे हैं कि बीजेपी के भीतर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर काफी असंतोष है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के 22 विधायकों और मंत्रिमंडल में शामिल कुल 10 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावती रुख अपना लिया है। लिहाज़ा पार्टी के भीतर पनपते विरोध को नियंत्रित करने और एक विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए आलाकमान ने दुष्यंत गौतम और रमन सिंह को उत्तराखंड भेजा है। दोनों नेता आज पार्टी की कोर ग्रुप की मीटिंग के साथ साथ तमाम नेताओं से अलग अलग बात करने में जुट गए हैं। ऐसी चर्चाएं भी हो रही हैं कि पार्टी में अंसतोष को मैनेज करने के लिए जल्द ही त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।

हालांकि सूत्रों के मुताबिक त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पार्टी नेताओं द्वारा बगावती रुख अपनाने का एक मात्र कारण मंत्रिमंडल में जगह पाना नहीं है। कहा जा रहा है कि पार्टी के ज़्यादातर नेता त्रिवेंद्र सिंह के कामकाज के तरीके और उनकी नेतृत्व क्षमता से खुश नहीं हैं। उन्हें लग रहा है कि अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी के मुख्यमंत्री बने रहे तो राज्य में अगले साल होने वाले चुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ सकता है। यही वजह है कि पार्टी के बहुत से नेता रावत को पद से हटाने के पक्ष में बताए जा रहे हैं। 

बहरहाल, बीजेपी ने इन तमाम चुनौतियों से निपटने की ज़िम्मेदारी रमन सिंह और दुष्यंत गौतम को सौंपी है, जिन्हें पार्टी में पनप रहे इन बगावती रुख से निपटना भी है और साथ ही पूरे हालात का जायज़ा लेकर पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट भी करना है।