सत्ता की भूख मिटाने के चक्कर में असम में बंटवारे का बीज बो गई मोदी सरकार, सुरजेवाला का बीजेपी सरकार पर हमला

रणदीप सुरजेवाला ने असम में प्रधानमंत्री द्वारा किए पिछले वादों और घोषणाओं का कच्चा चिठ्ठा भी सामने रखा है, सुरजेवाला ने मोदी सरकार और असम सरकार की परियोजनाओं की सूची भी सार्वजनिक की है, जिसके अनुसार बीजेपी सरकार द्वारा की गईं घोषणाओं में अधिकतर परियोजनाओं का काम भी शुरू नहीं हुआ है

Publish: Mar 18, 2021, 09:33 AM IST

Photo Courtesy : Moneycontrol.com
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नई दिल्ली/गुवाहाटी। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने असम में बीजेपी की राजनीति और गवर्नेंस पर सवाल खड़े किए हैं। रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि अपनी सत्ता की भूख को मिटाने के लिए बीजेपी ने असम में बंटवारे के बीज बो दिए हैं। सुरजेवाला ने कहा है कि बीजेपी ने न सिर्फ राज्य में बंटवारे के बीज बोए हैं बल्कि बीजेपी ने अपने नागरिकता संशोधन अधिनियम के ज़रिए असम की 'भाषा, भूषा और भेषज पर भी गंभीर आक्रमण किया है। 

प्रधानमंत्री मोदी की असम रैली से पहले रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य के लोगों को केवल झूठ ही परोसने का काम किया। सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने असम के विकास के नाम पर बड़ी बड़ी घोषणाएं की लेकिन उन तमाम घोषणाओं का धरातल खोखला और उथला निकला। सुरजेवाला ने कहा कि असम की जनता सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है लेकिन झूठ और देखा नहीं। 

कांग्रेस नेता ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर बीजेपी पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार बंगाल में CAA लागू करने का वादा करती है। वहीं तमिलनाडु में बीजेपी नागरिकता संसोधन अधिनयम को नहीं लागू करने का वादा कर रही है। जबकि असम के मामले में बीजेपी चुप्पी साध लेती है। सुरजेवाला ने कहा कि असम की मूल पहचान को मिटाने के लिए मोदी सरकार षड्यंत्र रच रही है।  

10 हज़ार करोड़ की घोषणाएं, मगर काम के नाम पर ठन ठन गोपाल 
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने असम में बीजेपी की तमाम घोषणाओं का कच्चा चिट्ठा खोल दिया है। कांग्रेस नेता ने सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार द्वारा असम के विकास के लिए घोषित की 20 घोषणाओं का ज़िक्र किया है। 20 परियोजनाओं को करीब 10 हज़ार 860 करोड़ की लागत से पूरा किया जाना था। लेकिन इन बीस परियोजनाओं में से दस परियोजनाएं तो ऐसी हैं जिसमें शून्य प्रतिशत यानी कोई काम ही नहीं हुआ है। हैरान करने वाली बात यह है कि एक भी ऐसी परियोजना नहीं है जिसका आधा यानी 50 फीसदी काम किया गया हो। 

इसके साथ ही आर्थिक मोर्चे पर भी असम की सर्बानंद सोनोवाल सरकार विफल रही है। सर्बानंद सोनोवाल की सरकार आने से पहले 2015 में असम की GSDP (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट) की ग्रोथ रेट 15.67 फीसदी थी। 2019-20 आते आते यह महज़ 6.30 फीसदी रह गई। इस मोर्चे पर देश भर में असम दूसरे स्थान पर था लेकिन अब असम खिसक कर 20वें स्थान पर आ गया है। प्रति व्यक्ति आय की ग्रोथ रेट में भी असम की स्थिति दयनीय है। 2015-16 में असम की प्रति व्यक्ति आय की ग्रोथ रेट 13.02 फीसदी थी। उस समय असम इस मोर्चे पर देश भर में तीसरे स्थान पर था। लेकिन अब यह 3.46 फीसदी के आंकड़े पर आ गया है। देश भर में असम अब 26 वें स्थान पर है।