जनता की एकता से ख़त्म होती है तानाशाही, सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर कांग्रेस ने याद किया उनका संदेश

कांग्रेस ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए उन विचारों को याद किया है, जो आज भी बेहद प्रासंगिक हैं

Updated: Dec 15, 2020, 10:40 PM IST

Photo Courtesy : Zee News
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नई दिल्ली। आज भारत के प्रथम गृह मंत्रीलौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि है। लिहाज़ा भारत की आज़ादी और उसके एकीकरण में अहम भूमिका निभाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल को कांग्रेस याद कर रही है। किसान आंदोलन के इस दौर में कांग्रेस ने अपने नेता की बातों को खास तौर पर याद किया है, जिसमें उन्होंने देश की आम जनता और खासकर किसानों को सत्ता के तानाशाही रवैए के खिलाफ खड़े होने का संदेश दिया है।   

जनता की एकता से होता है तानाशाही का पतन 
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए उनके एक कथन को साझा किया है। जिसमें सरदार पटेल कहते हैं, 'जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन नहीं टिक सकता।' कांग्रेस ने ट्विटर पर सरदार पटेल के इस कथन का ज़िक्र करते हुए लिखा है, 'जनता की एकता तानाशाही शासन को सहन नहीं होती। वो दमन पर उतारू हो जाता है।लेकिन अंततः उसे झुकना पड़ता है।'

गांधी जी के दिखाए रास्ते पर चलने से सारी दुनिया में हमारा नाम ऊँचा होगा 
कांग्रेस ने सरदार पटेल का एक भाषण भी साझा किया है। जिसमें सरदार पटेल कहते हैं, 'भारत अब एक बहुत बड़ा मुल्क है। और जो काम हमें करना है अगर हम वो करें तो सारी दुनिया में हिन्दुस्तान जो अपना योग्य स्थान है, वो ले सकता है। और मुझे विश्वास है कि इस रास्ते पर, जो रास्ता हमें गांधी जी ने दिखाया है, अगर उस रास्ते पर हम चलेंगे तो सारी दुनिया में हमारा नाम ऊँचा होगा। हमारा कर्तव्य है कि हम सबको यह निश्चय कर लेना चाहिए कि हमें भाई भाई की तरह रहना है।

सरदार पटेल के इस भाषण को साझा करते हुए कांग्रेस ने लिखा है, 'सरदार पटेल ने अपना सम्पूर्ण जीवन देश को एक रखने में लगा दिया। भाईचारे का मंत्र उनके विचारों का महत्वपूर्ण स्तम्भ रहा।लौह पुरुष के विचार आज भी हमारे देश के राजनीतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को सही दिशा दिखाते हैं।एकता के प्रतीक सरदार पटेल को सादर नमन।  

किसान को किसी भी चीज़ से डरने की ज़रूरत नहीं है 
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए उनके एक कथन को याद किया है, जिसमें लौह पुरुष कहते हैं, 'एक किसान को किसी भी चीज से डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह मिट्टी का एक बेटा है जिसने कठोर चट्टानों, जंगली जानवरों, भारी बारिश, ठंड, चिलचिलाती गर्मी और इतनी सारी बाधाओं के खिलाफ काम किया है।'