Corona Effect: जुलाई में औद्योगिक उत्पादन10 फीसदी से अधिक घटा

Indian Economy: जुलाई महीने के खराब आंकड़े दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर पर डालेंगे नकारात्मक असर, एफएमसीजी सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी की हालत खराब

Updated: Sep 13, 2020, 07:22 AM IST

Photo Courtsey : PBS
Photo Courtsey : PBS

जुलाई महीने में फैक्ट्रियों में उत्पादन 10.4 प्रतिशत गिरा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के नए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की बदहाल तस्वीर को दर्शाते हैं। हालांकि, जून में उत्पादन में 15.8 प्रतिशत की कमी आई थी। 

इस साल अप्रैल से लेकर जुलाई के बीच औद्योगिक उत्पादन इंडेक्स में 29.2 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में इसमें 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लॉकडाउन हटने के बाद भी जुलाई में इतना खराब प्रदर्शन बताता है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में लंबा वक्त लगेगा।

वहीं मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स भी जुलाई में 46 रहा, जबकि जून में यह 47.2 था। इस इंडेक्स के 50 के नीचे रहने को आर्थिक गतिविधियों के संकुचन के रूप में देखा जाता है। दूसरी तरफ क्योंकि जुलाई चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही का पहला महीना है, ऐसे में इतने खराब प्रदर्शन का असर दूसरी तिमाही की आर्थिक वृद्धि दर पर जरूर पड़ेगा।

अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि दूसरी तिमाही में भी जीडीपी वृद्धि दर नकारात्मक रहेगी। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत की कमी आई है। यह पिछले 40 सालों की सर्वाधिक गिरावट के साथ ही जी 20 देशों में भी सबसे कम है।

और विस्तार में अगर बात करें तो रोजमर्रा के प्रयोग में आने वाली वस्तुओं (एफएमसीजी) के सेक्टर में ही केवल 6.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा सभी सेक्टरों में जुलाई महीने में गिरावट दर्ज की गई है।

मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में 11.1 प्रतिशत की कमी आई है। यह जून में 16 प्रतिशत पर थी। इस सेक्टर का औद्योगिक उत्पादन में 77.6 फीसदी हिस्सा है। लंबे समय तक प्रयोग में आने वाली वस्तुओं का उत्पादन जुलाई महीने में 23.6 प्रतिशत घटा है। यह जून में 34.3 प्रतिशत था। पूंजीगत उत्पादन में जून में 37.4 प्रतिशत के मुकाबले जुलाई में 22.8 फीसदी की गिरावट आई है।

बिजली उत्पादन में ही सबसे कम गिरावट देखी गई है। जून में इसमें 10 प्रतिशत की कमी आई थी। जुलाई में यह कमी घटकर 2.5 प्रतिशत पर आ गई है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जितनी जल्दी महामारी पर नियंत्रण पाया जाएगा और केंद्र सरकार जितनी प्रभावी वित्तीय सहायता होगी, उतनी ही तेजी से औद्योगिक उत्पादन में सुधार होगा।