ट्विटर पर दिग्विजय और स्वामी की जुगलबंदी, दिग्विजय ने लिखा स्वामी जी साझा मंजिल की ओर चलते हैं, स्वामी बोले मंजिल पर पहुंचने पर मैं राइट टर्न लूंगा और आप लेफ्ट

स्वामी ने लिखा कि एक ही हाईवे पर चलें लेकिन अलग अलग लेन में, जब हम अपने मंजिल पर पहुंचेंगे, तो मैं दाएं मुडूंगा और आप बाएं मुड़ेंगे, जैसे रूजवेल्ट और स्टालिन ने 1945 में किया था। उन दोनों ने इटालियंस को बाहर रखा था।

Updated: Jun 08, 2022, 11:38 AM IST

Photo Courtesy: Aaj Tak
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भोपाल। भारतीय राजनीति के दो दिग्गज नेताओं की ट्विटर पर जुगलबंदी राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी को साझा मंजिल पर चलने को कहा तो स्वामी ने मंजिल पर पहुंचकर अलग दिशाओं में मुड़ने की बात कही है। ये दिलचस्प वाकया ट्विटर पर हुआ। सुब्रह्मण्यम स्वामी बीते कुछ दिनों से भाजपा शासित केंद्र सरकार पर हमलावर है। स्वामी ने ट्वीट कर मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना की है।

इस पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं सहमत हूं। इसलिए क्या करें स्वामी जी? ट्विटर ट्विटर चलाएं या उन्हें गंभीरता से लें? इस पर स्वामी ने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके नजरिए में मैं अभी भी हिंदू आतंकी हूं या नहीं। फिर सिंह ने ट्वीट किया कि आप और हिंदू आतंकी ? कोई सवाल ही नहीं है स्वामी जी।

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इसके बाद दिग्विजय सिंह ने स्वामी को साझा मंजिल पर चलने के लिए कहा। उन्होंने ट्वीट किया कि जब तक हम एक ही मार्ग पर, एक ही मंजिल के लिए, एक ही दिशा में हैं, तब तक मुझे कोई समस्या नहीं है। अपनी मंजिल पर पहुंचने के बाद हम स्वाभाविक रूप से घर जाने के लिए अलग हो जाएंगे।

इस पर स्वामी ने दिग्विजय की तुलना स्टालिन से करते हुए गांधी परिवार पर निशाना साधा। स्वामी ने लिखा कि एक ही हाईवे पर चलें लेकिन अलग अलग लेन में, जब हम अपने मंजिल पर पहुंचेंगे, तो मैं दाएं मुडूंगा और आप बाएं मुड़ेंगे, जैसे रूजवेल्ट और स्टालिन ने 1945 में किया था। उन दोनों ने इटालियंस को बाहर रखा था।

गौरतलब है कि सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कतर में भारतीय राजदूत द्वारा नुपुर शर्मा को फ्रिंज एलीमेंट्स बताने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पार्टी प्रवक्ता के तौर पर नुपुर शर्मा फ्रिंज एलीमेंट्स है!!! विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर से आप क्या उम्मीद करते हैं? कतर में हमारे राजदूत को पढ़ने के लिए ये स्टेटमेंट किसने भेजा था?