इजरायल दूतावास धमाके में एनर्जी ड्रिंक के कैन से क्या है कनेक्शन, जांच में जुटी एजेंसियां

नेशनल बॉम्ब डेटा सेंटर (NBDC) की एक टीम को अंदेशा है कि विस्फोट में इस्तेमाल बम का सर्किट बोर्ड एनर्जी ड्रिंक के कैन में छिपाया गया होगा

Updated: Jan 31, 2021, 08:10 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
Photo Courtesy: Amar Ujala

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर हुए बम ब्लास्ट के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। नेशनल बॉम्ब डेटा सेंटर (NBDC) की एक टीम को अंदेशा है कि विस्फोट में एनर्जी ड्रिंक कैन का इस्तेमाल हुआ है। एबीडीसी की टीम को घटनास्थल से एनर्जी ड्रिंक कैन के क्षत-विक्षत टुकड़े मिले हैं, जिसके बाद इस बात की आशंका बढ़ गई है कि आतंकियों में बम के सर्किट बोर्ड को इसी कैन में छिपाया होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच एजेंसियों को अंदेशा है कि सर्किट बोर्ड डिवाइस को एनर्जी ड्रिंक के कैन में छिपाने के बाद शायद उसे टाइमर से जोड़ा गया होगा। यह भी बताया जा रहा है कि बम की डिवाइस में एल्‍यूमीनियम के साथ ही पेंटएरीथ्राइटोल टेट्रानाइट्रेट (PETN) भी पाया गया है। इसकी पुष्टि लैब में हुई है। कुछ विशेषज्ञ इसे विरोधाभासी भी मान रहे हैं क्‍योंकि एक तेज विस्‍फोटक है और दूसरा निम्‍न विस्‍फोटक है। जांच की अंतिम रिपोर्ट आने पर इस बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है।

लाल कपड़े के कनेक्शन की भी जांच

धमाके वाली जगह से एक लाल रंग का आधा जला कपड़ा बरामद भी हुआ है। इस कपड़े के साथ ही पॉलीथिन की एक थैली भी मिली है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस लाल अधजले कपड़े का शुक्रवार को हुए धमाके से क्या कनेक्शन है? क्या यह उन लोगों से जुड़ा हुआ है जिन्होंने विस्फोटक को दूतावास के बाहर रखा था। फिलहाल पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध दिखे हैं, जिनकी जांच की जा रही है। बता दें कि एंबेसी के आसपास अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब होने की वजह से कुछ जगहों के ही फुटेज मिल पाए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ब्‍लास्‍ट से कई घंटों पहले और बाद में एंबेसी व उसके आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों और उनकी कॉल का डेटा भी जुटाया जा रहा है। इसके साथ ही कैब कंपनियों से उन व्‍यक्तियों के बारे में भी जानकारी ली जा रही है, जो उस दिन एंबेसी के आसपास आए या गए थे। एजेंसियां एंबेसी के आसपास का आईपीडीआर डेटा भी खंगाल रही हैं। इससे कि यह पता चलेगा कि उस दिन कोई संदिग्‍ध व्‍यक्ति कहीं मोबाइल कॉल की बजाय इंटरनेट कॉलिंग के जरिये तो किसी के संपर्क में नहीं था।'

बहरहाल गणतंत्र दिवस के समापन समारोह बीटिंग द रिट्रीट के दौरान महज़ दो किलोमीटर की दूरी पर यह धमाका किसने और क्यों किया, इसका स्पष्ट तौर पर खुलासा अब तक नहीं हो सका है। लेकिन शुरुआती जांच में कुछ ऐसे संकेत ज़रूर मिल रहे हैं जो 2012 में इजरायली दूतावास की कार पर हुए हमले की तरह एक बार फिर ईरान की ओर इशारा कर रहे हैं। घटनास्थल पर मिले एक लेटर में इस छोटे धमाके को ट्रेलर बताया गया है। 

धमाके के बारे में कहा जा रहा है कि यह ब्लास्ट भले ही कम ताक़त वाला था, लेकिन इसे जिस जगह और जिस मौक़े पर किया गया, उसका संदेश बड़ा है। धमाके वाली जगह देश की राजधानी की सबसे कड़ी सुरक्षा वाली जगहों में शामिल है। इतना ही नहीं, महज़ दो किलोमीटर की दूरी पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री समेत तमाम बड़ी हस्तियों के शामिल होने के कारण शुक्रवार को वहां और भी कड़ी सुरक्षा थी।

धमाके वाली जगह से प्रधानमंत्री निवास और गृह मंत्री के निवास भी एक से दो किलोमीटर के दायरे में ही हैं। ऐसी सुरक्षित जगह पर हुए धमाके को दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी सेंध माना जा रहा है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में मची अराजकता के बाद अब इस धमाके को दिल्ली पुलिस और उस पर नियंत्रण रखने वाले केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के लिए शर्मिंदगी की बड़ी वजह के तौर पर देखा जा सकता है। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए बवाल के बाद कांग्रेस पार्टी गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त किए जाने की मांग भी कर चुकी है।