राजस्थान में न्यूज 18 के एंकर अमन चोपड़ा के खिलाफ FIR, धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप

विवादित शो करने वाले अमन चोपड़ा के खिलाफ सांप्रदायिक वैमनस्यता बढ़ाने, साजिश रचने और दंगों को भड़काने के अलावा देशद्रोह की गंभीर धाराएं लगाई गई है, देशभर के पत्रकारों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है

Updated: Apr 24, 2022, 09:15 AM IST

नई दिल्ली। प्रोपेगैंडा जर्नलिस्ट अमन चोपड़ा तमाम आलोचनाओं के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। न्यूज 18 के एंकर चोपड़ा द्वारा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर गलत तरीके से पेश करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हालांकि, राजस्थान पुलिस अब चोपड़ा के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में है। कांग्रेस शासित राजस्थान में चोपड़ा के खिलाफ कम से कम दो जगहों पर FIR किए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चोपड़ा के खिलाफ राजस्थान के बूंदी और डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाने में केस दर्ज कराए गए। इनमें सांप्रदायिक वैमनस्यता बढ़ाने, साजिश रचने और दंगों को भड़काने के अलावा देशद्रोह की गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। चोपड़ा को आईपीसी की धारा 153, 295, 295A, 120B, 124A के तहत आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि न्यूज 18 के प्रोड्यूसर और एडिटर को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।

अमन चोपड़ा अपने शो "देश नहीं झुकने दूंगा" में लगातार अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहर उगलते हैं जिससे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका रहती है। जहांगीरपुरी हिंसा मामले में भी उन्होंने पत्रकारिता के मूल्यों को तार-तार किया। हद तो तब हो गई जब राजस्थान के अलवर में एक मंदिर तोड़े जाने के मामले में उन्होंने बेहद शर्मनाक शो किया।

उन्होंने बहुसंख्यकों को भड़काने की नियत से यह तर्क दिया की अलवर की कार्रवाई जहांगीरपुरी में हुई कार्रवाई का बदला है। उन्होंने अलवर की घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया जबकि राजगढ़ नगर पालिका भाजपा शासित है और नगर पालिका के आदेश से मंदिर पर बुलडोजर चले। 

चोपड़ा के इस शो को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही थी। कई नामचीन पत्रकारों ने भी राजस्थान पुलिस से कहा था कि धार्मिक उन्माद फैलाने वाले इस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाए। चोपड़ा के खिलाफ FIR की खबर आने के बाद कई पत्रकार राजस्थान पुलिस की तारीफ कर रहे हैं। 

युवा पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने लिखा है कि अमन चोपड़ा जैसे दंगाई मानसिकता के एंकर को नापने की अच्छी तैयारी चल रही है। वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन ने लिखा कि, 'समाज में नफ़रत फैलाना, झूठी खबर या अफ़वाह फैलाना और हिंसा भड़काना पत्रकारिता नहीं होती है और न ही इस तरह के काम को Art 19A के तहत छूट मिल सकती है। ये कोरा अपराध है।'