उत्तराखंड में हफ्तेभर से जल रहे जंगलों की आग बुझाने पहुंची NDRF, केंद्र ने भेजे हेलिकॉप्टर

उत्तराखंड में 964 स्थानों पर एक हफ़्ते से आग का तांडव जारी है, 45 और नए जंगल आग की चपेट में आ गए हैं। सरकार की देरी की वजह से स्थानीय लोगों में दहशत, लोगों ने ख़ुद ही उठाया आग बुझाने का बीड़ा

Updated: Apr 05, 2021, 09:23 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगभग एक हफ्ते से लगी आग बढ़ती ही जा रही है। बेकाबू आग ने 24 घंटों में 45 नए जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है। अब तक 63 हेक्टेयर में लगे हजारों पेड़ जलकर राख हो गए हैं। स्थानीय लोगों की गुहार और अनेक अपील के बाद केंद्र सरकार ने सुध ली है और एनडीआरएफ की टीमें आग बुझाने के लिए लगाई गई हैं।

एक हफ्ते से जल रहे जंगलों पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अब सुध ली है। आग पर काबू पाने के लिए रावत ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार की। अब केंद्र सरकार द्वारा दो हेलिकॉप्टर और NDRF के जवानों को उत्तराखंड भेजा गया है। उत्‍तराखंड के प्रधान मुख्‍य संरक्षक (आग) से मिली जानकारी के अनुसार करीब 12 हजार गार्ड और फायर वॉचर आग पर काबू करने में जुटे हैं। इस आग से अबतक करीब 37 लाख की संपत्ति की राख हो गई है।

मगर आग लगातार बढ़ती ही जा रही है। जंगलों की आग से अब यहां के कॉर्बेट नेशनल पार्क की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। बेकाबू आग रामनगर वन क्षेत्र के मोहान के नजदीक तक पहुंच चुकी है। तराई पर वेर्स्टन फॉरेस्ट जोन के कई जंगल जैसे सावल्दे, हल्दुआ और काशीपुर रेंज भी आग से जल चुके हैं। कॉर्बेट नेशनल पार्क इन इलाकों से लगा हुआ है। उत्तराखंड में कुल 964 स्थानों पर भीषण आग लगी है।

जंगल में लगी आग का आलम यह है कि एक जंगल की आग बुझाई जाती है तो इतने में दूसरे जंगल में आग लग जाती है। इस आग ने पिथौरागढ़, डीडीहाट वन रेंज के पमस्यारी, लालघाटी, थल डीडीहाट वन क्षेत्र, नारायणनगर वन क्षेत्रों को चपेट में ले  लिया है। वहीं मूनाकोट, कनालीछीना, पनखोली, पलेटा, लछैर, मड़मानले, ध्वज, बड़ालू के जंगलों में भीषण आग लगी है। वहीं पाटी क्षेत्र के छिनकाछिना, जौलमेल, गर्सलेख के के जंगलों को भी बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ है। अब तक यहां लगे देवदार, बान, चीड़ समेत कई प्रजाति के पेड़ों की बलि चढ़ गई है।

 प्रदेश में अक्टूबर 2020 की शुरुआत से ही कहीं ना कहीं आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। माना जा रहा है कि तब से अब तक 1263.53 हेक्टेयर जंगल भस्म हो चुका है। आग से 4 लोगों की मौत हो चुकी है। 7 जानवर भी आग की चपेट में आ चुके हैं।