170 साल के इतिहास में पहली बार रेलवे बोर्ड को मिली महिला अफसर, जया वर्मा सिन्हा ने आज से संभाला पदभार

16 अप्रैल 1853 को शुरू होने के बाद से रेलवे के सर्वोच्च पद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद तक आज तक कोई महिला नहीं पहुंची थी।

Publish: Sep 01, 2023, 09:05 PM IST

Image courtesy- NBT
Image courtesy- NBT

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के 170 साल के इतिहास में पहली बार एक महिला रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनी हैं। रेलमंत्रालय ने जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में चुन लिया है। रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इसी के साथ जया वर्मा का नाम इतिहास में दर्ज हो गया। 

भारत में रेलवे बोर्ड की स्थापना 1905 में हुई थी तब से लेकर अबतक 118 साल हो गए हैं लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोई महिला इसके शीर्ष पद तक नहीं पहुंची। अब कैबिनेट ने रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में जया वर्मा को चुना है। जया वर्मा सिन्हा इसके पहले ऑपरेशन्स एंड बिज़नेस डेवलप्मेंट विभाग की सदस्य थीं। बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद स्थिति को संभालने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। इस दुर्घटना में 291 लोगों की मौत हुई थी।

बता दें जब रेलवे बोर्ड का गठन हुआ था तब उसके प्रमुख पद का नाम चेयरमैन, रेलवे बोर्ड या CRB हुआ करता था। नरेंद्र मोदी ने सरकार ने इस पद का नाम बदल कर चेयरपर्सन एंड सीईओ (Chairperson & CEO) कर दिया। अब पहली बार कोई महिला इस पद पर पदस्थ हुई है। शुक्रवार से जया वर्मा ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। उनका कार्यकाल 31 अगस्त 2024 तक लागू रहेगा। उनके पास रेलवे में काम करने का 35 साल का अनुभव है

जया वर्मा सिन्हा 1988 बैच की आईआरटीएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपना करियर 1990 में शुरू किया था। उनकी नियुक्ति उत्तर रेलवे में कानुपर के अस्सिटेंट एरिया मैनेजर के तौर पर हुई थी। बीते 35 सालों में दक्षीण पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे, पूर्व रेलवे में अहम पदों पर रही हैं। करीब 4 साल तक वो ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के तौर पर कार्यरत रहीं। जय वर्मा की गिनती देश की तेज तर्रार महिला अफसरों में होती है।