RSS मुख्यालय पहुंचे पूर्व CJI जस्टिस बोबड़े, संघ प्रमुख मोहन भागवत से की मुलाकात, उठ रहे गंभीर सवाल

रिटायरमेंट के बाद संघ मुख्यालय पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे एसए बोबड़े, हेडगेवार के पैतृक आवास पर भी गए, मोहन भागवत और भैया जी जोशी से हुई गुपचुप बातचीत

Updated: Sep 01, 2021, 12:07 PM IST

Photo Courtesy: The Indian Express
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नागपुर। भारतीय न्यायपालिका एक बार फिर कठघरे में है। इसकी वजह हैं राजनीतिक रूप से विवादों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसए बोबड़े। खबर है कि सर्वोच्च न्यायालय से रिटायर होने के बाद बोबड़े नागपुर स्थित RSS पहुंचे। यहां उन्होंने सरसंघ चालक मोहन भागवत और आरएसएस के पूर्व सहकार्यवाह भैयाजी जोशी से गुपचुप मुलाकात की है।

देश के प्रमुख अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि मंगलवार शाम करीब 4 से 5 बजे के बीच नागपुर के महल इलाके स्थित आरएसएस मुख्यालय में पूर्व जस्टिस बोबड़े की मुलाकात मोहन भागवत से हुई। इतना ही नहीं आरएसएस चीफ और भैयाजी जोशी से मुलाकात के बाद वे संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के घर भी पहुंचे।

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बताया जा रहा है कि यब वही घर है जिसमें हेडगेवार का जन्म हुआ था और यहीं वे रहा करते थे। हेडगेवार ने ही साल 1925 में आरएसएस की स्थापना की थी। एसए बोबड़े हेडगेवार के घर क्यों गए थे ये समझ से परे है। बोबड़े के साथ उनके एक मित्र हेमंत जांभेकर भी हेडगेवार के घर पहुंचे थे। मीडिया ने हेमंत से जब इस बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया जिसपर शायद ही कोई विश्वास कर सकता है। 

जांभेकर के मुताबिक पूर्व सीजेआई को नागपुर स्थित अपने घर का रिनोवेशन करवाना है। इसलिए वे देखने गए थे कि डॉ हेडगेवार का पुराना घर किस तरह से रेनोवेट किया गया है। रिटायरमेंट के बाद बोबड़े का संघ मुख्यालय जाने को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स आरोप लगा रहे हैं कि एसए बोबड़े ने न्याय के मंदिर के सर्वोच्च पद के गरिमा का मखौल बनाया है।

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बोबड़े के पूर्ववर्ती सीजेआई रहे रंजन गोगोई रिटायरमेंट के तुरंत बाद राज्यसभा चले गए थे। इस दौरान भी काफी विवाद हुआ था। राजनीतिक जानकार रिटायरमेंट के बाद जजों के इस तरह के आचरण को भारतीय लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक पैटर्न की शुरुआत बता रहे हैं। बता दें कि बोबड़े इसी साल 23 अप्रैल को रिटायर हुए हैं। उन्हें 18 नवंबर 2019 को देश का 47वां चीफ जस्टिस बनाया गया था। इसके पहले भी सीजेआई रहते वे तब विवादों में आए थे जब उन्होंने बीजेपी नेता सोनबा मूसले के बेटे रोहित की हार्ले डेविडसन बाइक पर बैठे देखे गए थे।