हरदीप पुरी की राहुल गांधी पर अभद्र टिप्पणी, बोले- जेबकतरे को क्या पता होगा पूंजीगत व्यय क्या है

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, 'तीन तरह के बेवकूफाना फैसले होते हैं। पहला साधारण, दूसरा असाधारण और तीसरा चक्रवर्ती श्रेणी कहलाता है। एअर इंडिया पहले अच्छे से चल रही थी लेकिन राष्ट्रीयकरण कर उसे बर्बाद कर दिया गया।

Updated: Nov 15, 2021, 05:13 AM IST

Photo Courtesy: Wikipedia
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नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर अभद्र टिप्पणी की है। पुरी ने राहुल को जेबकतरा करार दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता के अर्थव्यवस्था की समझ पर भी सवाल उठाया है। बीजेपी मंत्री ने यह टिप्पणी एयर इंडिया समेत अन्य सरकारी संपत्तियों के बेचने के फैसले को सही ठहराने के लिए की है। 

हरदीप सिंह पुरी ने एक निजी चैलन से बातचीत के दौरान कहा, 'आप आर्थिक विकास और प्रगति को किस तरह से देखते हैं? पूंजीगत व्यय में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। यह हमारी आर्थिक प्रगति का परिचायक है। हम यूपीए शासनकाल से जुड़े घोटालों पर चर्चा करना चाहते हैं, और मोदी सरकार के द्वारा की गई प्रगति और विकास पर डिबेट चाहते हैं। केंद्र सरकार ने रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय किया है ताकि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके। लेकिन जेबकतरे को क्या पता होगा कि पूंजीगत व्यय क्या है।'

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हरदीप सिंह पुरी ने यह बात राहुल गांधी के एक ट्वीट को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कही है। दरअसल, राहुल गांधी ने बीते 1 नवंबर को अपने एक ट्वीट में जेबकतरों से सावधान रहने की बात कही थी। इसके साथ ही राहुल ने एक ख़बर भी पोस्ट किया था जिसमें बताया गया था कि पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर सरकार खूब कमाई कर रही है।

हरदीप सिंह पुरी ने निजीकरण को लेकर कहा कि आर्थिक मुद्दे पर जिम्मेदारी के साथ विरोध होना चाहिए। विपक्ष एअर इंडिया जैसी कंपनियों को बेचने की तुलना घर के जेवर बेचने से कर रहा है। उन्होंने आगे कहा, 'तीन तरह के बेवकूफाना फैसले होते हैं। पहला साधारण, दूसरा असाधारण और तीसरा चक्रवर्ती श्रेणी कहलाता है। एअर इंडिया पहले अच्छे से चल रही थी लेकिन राष्ट्रीयकरण कर उसे बर्बाद कर दिया गया।

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पुरी ने साल 1976 में बर्मा शेल नामक कंपनी का राष्ट्रीयकरण कर बीपीसीएल बनाने को लेकर भी कहा कि वह अच्छे से चल रही थी और मुनाफे में थी, उसका भी राष्ट्रीयकरण कर बर्बाद कर दिया। इसे हम चक्रवर्ती श्रेणी के मूर्ख फैसले की तरह देखें जो उन्होंने एअर इंडिया के साथ किया था। यह तो मोदी सरकार की प्रतिबद्धता थी जिसने इन फैसलों को पलटा।