किसानों की नाराज़गी के आगे बेबस हुई हरियाणा सरकार, खट्टर को रद्द करनी पड़ी महापंचायत
सुरजेवाला का तंज, क्या कह रहे थे खट्टर साहब, सरकारी महापंचायत तो होकर रहेगी, ये अन्नदाता किसी वॉटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते, AAP ने कहा ये है जनरल डायर की सरकार

करनाल। हरियाणा के करनाल में किसानों के भारी विरोध की वजह से खट्टर सरकार द्वारा आयोजित किसान महापंचायत रद्द करनी पड़ी। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपना दौरा भी रद्द करना पड़ा। कार्यक्रम के पहले किसानों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोलों और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन किसानों की हिम्मत और हौसले के सामने सरकारी बल प्रयोग नाकाम हो गया।
हरियाणा में आज फिर से किसानों के साथ पुलिस की बर्बरता की तस्वीरें सामने आने के बाद राज्य की खट्टर सरकार विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खट्टर पर तंज करते हुए ट्वीट किया, 'क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब ! ‘सरकारी’ महापंचायत तो होकर रहेगी? ये अन्नदाता हैं। ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते। इन्हें डराइए नहीं। इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिये। तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए।'
क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021
‘सरकारी’ महापंचायत तो होकर रहेगी?
ये अन्नदाता हैं। ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते।
इन्हें डराइए नहीं। इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिये।
तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए।#किसानों_का_दर्द_समझों #FarmersProtest
कांग्रेस नेता ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'खट्टर साहेब की तमाम कोशिशों के बावजूद कैमला में हालात ‘जवान बनाम किसान’ होने से बच गए। इतिहास में पहला मौक़ा है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर CM का अपने निर्वाचन वाले ज़िले में इतना ज़ोरदार विरोध हुआ है। जागने का समय है। आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं। जन भावनाओं को समझें।'
खट्टर साहेब की तमाम कोशिशों के बावजूद कैमला में हालात ‘जवान बनाम किसान’ होने से बच गए।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021
इतिहास में पहला मौक़ा है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर CM का अपने निर्वाचन वाले ज़िले में इतना ज़ोरदार विरोध हुआ है।
जागने का समय है।
आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं।
जन भावनाओं को समझें।
इसके पहले आज दोपहर में जब किसानों पर बलप्रयोग की तस्वीरें आई तब भी सुरजेवाला ने खट्टर की जमकर खिंचाई की थी। उन्होंने इसका वीडियो साझा करते हुए लिखा, 'शर्म कीजिए खट्टर साहेब। जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं, तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है? मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है। याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा। काले क़ानून वापस लें।'
शर्म कीजिए खट्टर साहेब।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021
जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है?
मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है।
याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा।
काले क़ानून वापस लें। pic.twitter.com/SllwV6CjFy
आम आदमी पार्टी ने किसानों पर इस बलप्रयोग की तुलना जनरल डायर से कर डाली है। आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, 'हरियाणा की जनरल डायर सरकार ने एक बार फिर से किसानों पर आँसू गैस के गोलों से हमला किया है। ये आँसू गैस के गोले किसानों को उनका हक लेने से नहीं रोक पाएंगे।'
हरियाणा की जनरल डायर सरकार ने एक बार फिर से किसानों पर आँसू गैस के गोलों से हमला किया है।
— AAP (@AamAadmiParty) January 10, 2021
ये आँसू गैस के गोले किसानों को उनका हक लेने से नहीं रोक पाएंगे।pic.twitter.com/wcqDrbDKAJ
क्या है मामला
दरअसल, आज हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर अपने गृहक्षेत्र करनाल के कैमला गांव में कृषि कानूनों के समर्थन में किसान महापंचायत का आयोजन किया था। आयोजन को लेकर पहले से ही किसान खट्टर को चेतावनी दे रहे थे। फिर भी सीएम ने दावा किया था कि यह महापंचायत होकर रहेगी। खट्टर का गृहक्षेत्र होने के कारण उन्हें विश्वास था कि कैमला में कार्यक्रम का विरोध नहीं होगा। लेकिन मुख्यमंत्री के अपने इलाके के किसान जब सरकारी महापंचायत के विरोध में सड़कों पर आ गए तो खट्टर को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।
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इस दौरान पुलिस ने वॉटर कैनन और आंसू गैस का प्रयोग कर किसानों को खदेड़ना चाहा जिससे प्रदर्शनकारी किसान और नाराज़ हो गए। गुस्साए किसानों ने प्रदर्शनस्थल के टेंट-तंबू उखाड़ कर फेंक दिए, कुर्सियां तोड़ डालीं और हेलिपैड को तहस-नहस कर डाला। बाद में किसान खेतों-खलिहानों की ओर चले गए। फिलहाल गांव की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब किसानों के विरोध के कारण मनोहर लाल खट्टर को इस तरह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा हो। पिछले महीने भी करनाल के पाढ़ा गांव में मुख्यमंत्री को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। पाढ़ा में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के पहले भी जमकर हंगामा हुआ था और किसानों ने हेलिपैड और टेंट उखाड़ दिए थे। राज्यभर में किसानों ने खट्टर का प्रवेश बंद करने के पोस्टर लगा दिए हैं।