Hathras Case Update Live: राहुल गांधी, प्रियंका को हाथरस जाने की इजाजत मिली, लेकिन सिर्फ 5 लोगों को जाने की छूट

Hathras Case: 35 सांसद राहुल के साथ जा रहे थे, लेकिन राहुल-प्रियंका समेत सिर्फ 5 लोगों को इजाजत दी गई है, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष लखनऊ में नज़रबंद हैं

Updated: Oct 04, 2020, 05:03 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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नई दिल्ली। हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए रवाना हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को आखिरकार हाथरस जाने की इजाजत मिल गई है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अभराहुल-प्रियंका समेत सिर्फ 5 लोग हाथरस जा सकेंगे। हालांकि वे 35 सांसदों को साथ ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली-नोएडा फ्लाइवे (नोएडा बॉर्डर) पर रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। फिर पुलिस ने राहुल और प्रियंका को जाने की इजाजत दे दी।

हाथरस के लिए रवाना होने से पहले राहुल ने ट्वीट किया था, 'दुनिया की कोई ताकत मुझे पीड़ित परिवार से मिलने से नहीं रोक सकती।' प्रियंका ने कहा था कि अगर इस बार भी नहीं जाने दिया तो हम फिर कोशिश करेंगे।

ॉहाथरस  जा रहे हैं। उनके साथ प्रियंका गांधी भी हैं। वे जिस गाड़ी में हैं उसे प्रियंका गांधी ही चला रही हैं। उनके आने से पहले ही यूपी बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। राहुल गांधी के दौरे से पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को नजरबंद कर दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी दोपहर 2.30 बजे दिल्ली से निकले हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इनोवा चला रही हैं और राहुल गांधी उनके पास वाली सीट पर बैठे हैं। 

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाई वे पर रोकने की तैयारी है। वहां 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

यूपी पुलिस तैयार

एनडीटीवी से हुई बातचीत में अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उन्हें सुबह चार बजे से ही नजरबंद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से डरी हुई है और इसलिए ही विपक्षी नेताओं को हाथरस नहीं जाने देना चाहती। लल्लू ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में विपक्षी नेताओं को इस तरह से नजरबंद नहीं किया जा सकता। 

हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के काफिले का वाराणसी में घेराव किया। इससे पहले ईरानी ने हाथरस मामले पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे न्याय के लिए नहीं बल्कि राजनीति के लिए हाथरस जा रहे हैं। ईरानी ने यह भी कहा कि हाथरस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

स्मृति ईरानी

ईरानी के इस बयान के बाद ट्विवटर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनके ऊपर निशाना साधा। पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा कि आखिर स्मृति ईरानी योगी आदित्यनाथ को चूड़ियां कब भेजेंगी। इसी तरह पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री की हैसियत से स्मृति ईरानी ने हाथरस कांड और प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर दो शब्द तक नहीं कहे।

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दरअसल, विपक्षी नेता के तौर पर स्मृति ईरानी का यह रिकॉर्ड रहा है कि जब भी कांग्रेस सरकार में सैनिकों की हत्या और बलात्कार होते थे तो वे सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन करती थीं और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को चूड़ियां भेजती थीं। हालांकि, तब वे इसे सत्य और न्याय की लड़ाई बताती थीं और आज जब विपक्ष के नेता हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे हैं या फिर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो वे इसे राजनीतिक नाटक बता रही हैं। स्मृति ईरानी का काफिला जब वाराणसी से निकल रहा था, तब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उसे घेर लिया। पुलिस द्वारा धक्का मुक्की के बीच कार्यकर्ताओं ने ईरानी को काले झंडे दिखाए और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। 

इस बीच योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी और अपर सचिव ने हाथरस का दौरा किया। दोनों ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात भी की।