Crime Against Women: केंद्रीय गृह मंत्रालय की एडवाइजरी, महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

Centre Issues Advisory: मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी हिदायत, साक्ष्य जुटाने, FIR दर्ज और कार्रवाई करने में चुस्ती दिखाने को कहा

Updated: Oct 10, 2020, 09:59 PM IST

Photo Courtesy: Rajya Sabha TV
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार को संज्ञान में लेते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। अपनी एडवाइजरी में मंत्रालय ने अपराध घटित होने के बाद साक्ष्य जुटाने, एफआईआर दर्ज करने और उन पर कार्रवाई करने के मामले में तेज़ी दिखाने को कहा है। गृह मंत्रालय ने आईपीसी और सीपीसी के नियमों का उल्लेख करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।  

एडवाइजरी में क्या है  
गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी में आपराधिक घटना के बाद साक्ष्य जुटाने की बात कही है। मंत्रालय ने कहा है कि पीड़िता का बयान ( लिखित अथवा मौखिक ) दोनों ही साक्ष्य का अहम हिस्सा हैं। गृह मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में स्पष्ट करते हुए कहा है कि घटना के किसी थाने के क्षेत्र के बाहर घटित होने के बावजूद जीरो एफआईआर दर्ज की जा सकती है। मंत्रालय ने आईपीसी की धारा 166 का हवाला देते हुए बताया है कि इसके तहत अधिकारी अगर एफआईआर दर्ज नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

 

मंत्रालय ने सीआरपीसी की धारा 173 का उल्लेख करते हुए कहा है कि इसमें बलात्‍कार से जुड़े मामलों की जांच दो महीनों में करने का प्रावधान है। गृह मंत्रालय ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है जहां से मामलों की मॉनिटरिंग की जा सकती है। मंत्रालय ने सीआरपीसी की धारा 164 का हवाला देते हुए बताया है कि बलात्‍कार/यौन शोषण के मामले की सूचना मिलने के  24 घंटे के भीतर पीड़‍िता की सहमति से एक रजिस्‍टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा मेडिकल जांच करने का प्रावधान है। मंत्रालय ने अन्य कानूनों का उल्लेख करते हुए बताया है कि अगर मामले में अधिकारी किसी भी तरह की लापरवाही या कोताही बरतते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  

क्यों जारी करनी पड़ी एडवाइजरी 
दरअसल हाल ही में यूपी के हाथरस में 19 वर्षीय युवती से हुए दुष्कर्म और प्रशासन की गंभीर लापरवाही के मामले ने देश को झंकझोर कर रख दिया। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और स्थानीय प्रशासन पर मामले की जांच में बाधा डालने और आरोपियों को बचाने के आरोप लगने लगे हैं। ऐसे में यूपी सरकार की गंभीर किरकिरी के बाद अब गृह मंत्रालय को एडवाइजरी जारी करना पड़ा है।