Sonia Gandhi: अहंकार छोड़कर तीनों काले कानून वापस ले मोदी सरकार

सोनिया गांधी ने कहा, कंपकंपाने वाली सर्दी और बरसात में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी माँगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं की हालत देखकर मन व्यथित है

Updated: Jan 03, 2021, 11:10 PM IST

Photo Courtesy : Financial Express
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला किया है। सोनिया गांधी ने कहा है कि आज़ादी के बाद देश के इतिहास में पहली बार ऐसी अहंकारी सरकार आई है जिसे आम जनता तो दूर, देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं देते। लगता है, मुट्ठी भर उद्योगपतियों का मुनाफ़ा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है। सोनिया ने पीएम मोदी को राजधर्म की याद दिलाते हुए नसीहत दी है कि उसे अपना अहंकार छोड़कर किसानों की बात मान लेनी चाहिए। 

सोनिया गांधी ने रविवार सुबह राजधानी दिल्ली में हुई बारिश के बाद बयान जारी करके किसानों की हालत पर चिंता जतायी है। उन्होंने इस बयान में कहा है, 'हाड़ कंपकंपाती ठंड और बरसात में दिल्ली की सीमाओं पर अपनी माँगों के समर्थन में 39 दिनों से संघर्ष कर रहे अन्नदाताओं की हालत देखकर देशवासियों सहित मेरा मन भी बहुत व्यथित है।'

पीएम के मुंह से सांत्वना का एक शब्द नहीं निकला

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने वक्तव्य में पीएम मोदी की कार्यशैली की कड़ी आलोचना की हैं। उन्होंने कहा, 'आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गँवा चुके हैं। कुछ ने तो सरकार की उपेक्षा के चलते आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया, पर बेरहम मोदी सरकार का न तो दिल पसीजा और न ही आज तक प्रधानमंत्री या किसी भी मंत्री के मुँह से सांत्वना का एक शब्द निकला। मैं सभी दिवंगत किसान भाईयों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रभु से उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करती हूँ।' 

ज्यादा दिन नहीं चलेगा शासन

कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार को यह भी चेताया है कि उनका शासन ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा। सोनिया ने कहा, 'आज़ादी के बाद देश के इतिहास की यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है जिसे आम जनता तो दूर, देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं दे रहा। लगता है कि मुट्ठी भर उद्योगपति और उनका मुनाफ़ा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है। लोकतंत्र में जनभावनाओं की उपेक्षा करने वाली सरकारें और उनके नेता लंबे समय तक शासन नहीं कर सकते।'

थकाओ और भगाओ की नीति नहीं आएगी काम

सोनिया गांधी ने यह भी कहा है कि केंद्र की थकाओ और भगाओ की नीति इस बार काम नहीं आएगी। उन्होंने कहा, 'अब यह बिल्कुल साफ़ है कि मौजूदा केंद्र सरकार की थकाओ और भगाओ की नीति के सामने आंदोलनकारी धरती पुत्र किसान मज़दूर घुटने टेकने वाले नहीं हैं। अब भी समय है कि मोदी सरकार सत्ता के अहंकार को छोड़कर तत्काल बिना शर्त तीनों काले कानून वापस ले और ठंड एवं बरसात में दम तोड़ रहे किसानों का आंदोलन समाप्त कराए। यही राजधर्म है और दिवंगत किसानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी।' उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र का अर्थ ही जनता एवं किसान-मज़दूर हितों की रक्षा करना है।