गुजरात में कुंभ से लौटने वालों को RT-PCR टेस्ट के बिना नहीं मिलेगी एंट्री, MP में भी किया जाएगा आइसोलेट

कर्नाटक के बाद अब गुजरात सरकार ने भी कुंभ में डुबकी लगाने वालों की डायरेक्ट एंट्री पर लगाया बैन, मध्यप्रदेश में भी श्रद्धालुओं को आइसोलेट करने की तैयारी

Updated: Apr 17, 2021, 01:35 PM IST

Photo Courtesy: PTI
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नई दिल्ली। उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान फैल रहे महामारी को लेकर अब राज्य सरकारों ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। कर्नाटक के बाद गुजरात सरकार ने भी कुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर टेस्टिंग अनिवार्य कर दिया है। उधर मध्यप्रदेश में भी कुंभ से लौटे दो महामंडलेश्वर की मौत के बाद श्रद्धालुओं को सेल्फ आइसोलेशन में रहना अनिवार्य कर दिया गया है।

कुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित होने की खबरों के बीच गुजरात सीएम विजय रूपाणी ने आज उच्चस्तरीय बैठक की। इस दौरान सीएम ने फैसला लिया कि कुंभ से लौट रहे प्रत्येक श्रद्धालुओं की टेस्टिंग की जाएगी। बिना आरटीपीसीआर जांच करवाए किसी को भी राज्य में एंट्री नहीं मिलेगी। साथ ही सभी को 14 दिन तक आइसोलेट रहना होगा। इसके पहले कर्नाटक सरकार भी ऐसा आदेश जारी कर चुकी है।

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कुंभ से लौटे दो महामंडलेश्वर की मौत के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने भी सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। गुजरात सरकार के फैसले के थोड़ी देर बाद मध्यप्रदेश गृहमंत्रालय ने भी कुंभ संबंधी आदेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक कुंभ से लौटे सभी श्रद्धालुओं को आइसोलेशन में रहना होगा, साथ ही सभी को कलेक्टर कार्यलय के नंबर पर अपनी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा आम नागरिकों से भी कहा गया है कि उनके आसपास यदि कोई कुंभ से आया हो तो वे इस बात की जानकारी दें।

गौरतलब है कि कुंभ में बीते एक हफ्ते से लगातार कोरोना केस मिल रहे हैं, बावजूद मेले को अबतक रोका नहीं गया है। उत्तराखंड सीएम तीरथ सिंह रावत का कहना है कि यहां गंगा मैया की कृपा है इसलिए कोरोना नहीं फैलेगा। उधर मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित नरसिंह मंदिर के प्रमुख महामंडलेश्वर जगतगुरु डॉक्टर स्वामी श्याम देवाचार्य जी महाराज और चित्रकूट के निर्वाणा अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत कोरोना से हो चुकी है। ये दोनों संत कुंभ में शामिल होने गए थे। बताया जा रहा है कि उनके कई अनुयायी भी कोरोना से जूझ रहे हैं।

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खबर यह भी है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित गुफा मंदिर के महंत चंद्रमा दास और उनके कई अनुयायी हरिद्वार में कोरोना संक्रमित होने के बाद ट्रेन से वापस लौटे हैं। महंत की हालत फिलहाल नाजुक बताई जा रही है और उन्हें पालीवाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अब यह सवाल उठ रहे हैं कि चंद्रमा दास को मध्यप्रदेश कैसे आने दिया गया। चूंकि, कुंभ संबंधी अबतक कोई आदेश जारी नहीं किए गए थे इसलिए कुंभ से वापस लौटने वालों की जांच नहीं कि जा रही थी।

यह स्थिति तब है जब 13 अप्रैल को ही राज्य के महामंडलेश्वर कपिल देव की मौत हो चुकी। कुंभ मेले में संक्रमित होकर यह किसी संत की पहली मौत थी। बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह वाकई चिंताजनक है कि राज्य के दो संतों की मौत के बावजूद इस संबंध ने इतना लेट निर्णय लिया गया। उधर प्रधानमंत्री मोदी ने संतों से अपील की है की कुंभ को प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाए। हालांकि, जूना अखाड़ा ने कहा है की हमारे लिए जान से ज्याद कीमती अपनी परंपरा है। ऐसे में वे समय पूर्व कुंभ समाप्ति की घोषणा नहीं करेंगे।