नहीं रहे साहित्यकार कुंवर बेचैन, कोरोना ने लील ली ज़िन्दगी

कुंवर बेचैन पिछले काफी दिनों से कोरोना से संक्रमित थे, हालत में सुधार नहीं होने के कारण तीन अलग अलग अस्पतालों में उनका इलाज किया गया, लेकिन गुरुवार को नोएडा के कैलाश अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया

Updated: Apr 29, 2021, 09:04 AM IST

Photo Courtesy: Kavishala
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नई दिल्ली। मशहूर साहित्यकार और गीतकार कुंवर बेचैन अब इस दुनिया में नहीं रहे। गुरुवार को उनका निधन हो गया। कुंवर बेचैन ने नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल में अंतिम सांसे ली। कुंवर बेचैन के चले जाने से पूरा साहित्य जगत शोक में डूब गया है। 

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कुंवर बेचैन पिछले कई दिनों से कोरोना से संक्रमित थे। हालत में सुधार नहीं होने के कारण उनका तीन अलग अलग अस्पतालों में इलाज किया गया। लेकिन इसके बावजूद उनकी जान नहीं बच सकी। कोरोना से संक्रमित होने के बाद बेचैन को सबसे पहले दिल्ली के लक्ष्मीनगर स्थित सूर्या अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बाद जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तब उन्हें आनंद विहार के कॉसमॉस अस्पताल में शिफ्ट किया गया। लगातार स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती किया गया था। 

कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया : कुमार विश्वास

कुंवर बेचैन के निधन की खबर पर कुमार विश्वास ने ट्वीट किया है। कुमार विश्वास ने कहा है, कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुःखद समाचार मिला है।मेरे कक्षा-गुरु,मेरे शोध आचार्य,मेरे चाचाजी,हिंदी गीत के राजकुमार,अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुँअर बेचैन ने अभी कुछ मिनट पहले ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान किया।कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया। कुमार विश्वास ने कुंवर बेचैन को अस्पताल में बेड दिलाने के लिए काफी मशक्कत की थी। कुंवर बेचैन को जब अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा था, तब कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया पर कुंवर बेचैन को बेड दिलाने के लिए अभियान चलाया था। कुमार विश्वास ने कुंवर बेचैन के साथ कई कवि सम्मेलनों में शिरकत किया था। 

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कुंवर बेचैन का असली नाम कुंवर सक्सेना था। वे मूलतः उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले के रहने वाले थे। उनका जन्म मुरादाबाद ज़िले के उमरी गांव में हुआ था। उनकी शिक्षा चंदौसी के एमएस कॉलेज में हुई थी।