पिंजरे में बंद तोते की आजादी सुनिश्चित करे केंद्र, सीबीआई पर मद्रास हाई कोर्ट का बड़ा आदेश

बीते कुछ समय में विपक्षी नेताओं पर बदले की कार्रवाई की मंशा से सीबीआई का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं, मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि सीबीआई को सीएजी की तरह ही स्वतंत्रता दी जानी चाहिए

Updated: Aug 18, 2021, 08:09 AM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह फरमान सुनाया है कि वो पिंजरे में बंद तोते रूपी सीबीआई को आजाद करने का बंदोबस्त करे। इसके लिए मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र को बारह बिंदुओं में निर्देश जारी किए हैं।

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने मंगलवार को 300 करोड़ के पोंजी घोटाले मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को यह फरमान सुनाया। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश जारी किए करते हुए कहा कि यह तोते को पिंजरे से आजाद करने का एक प्रयास है। मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीआई की स्वतंत्रता के मसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को चुनाव आयोग और सीएजी जैसी ही स्वायत्तता मिलनी चाहिए। 

मद्रास हाई कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को सुनाए गए फरमान इस बात का स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया है कि सीएजी की तर्ज पर ही सीबीआई को लेकर भी यही व्यवस्था होनी चाहिए कि वह सीधे संसद को रिपोर्ट करे। मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह एक ऐसा कानून लाए जिससे जांच एजेंसी को काम करने में अधिक स्वतंत्रता मिल सके। 

इसके साथ ही मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीआई को भी यह हिदायत दी है कि वह जांच के दौरान अलग से एक्सपर्ट रखने के बजाय खुद के ही एक्सपर्ट रखे। कोर्ट ने सीबीआई को अपने कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मद्रास हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी से कहा है कि वह इस संबंध में केंद्र को 6 हफ्ते के भीतर एक प्रस्ताव भेजे और केंद्र तीन महीने के भीतर इस पर अपनी रजामंदी प्रदान करे। 

मद्रास हाई कोर्ट ने यह निर्देश सीबीआई के उस जवाब के बाद दिए, जिसमें सीबीआई ने पर्याप्त स्टाफ न होने का हवाला देकर पोंजी घोटाले की जांच करने से इनकार कर दिया। मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वह अपनी सुविधाओं और क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयास करे, जिससे वह अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई और यूके की स्कॉटलैंड यार्ड का मुकाबला कर सके।

पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों के खिलाफ बदले की कार्रवाई की मंशा से सीबीआई का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं। खुद बीजेपी यूपीए शासनकाल में कांग्रेस पार्टी पर सीबीआई के दुरुपयोग करने का आरोप लगाती रहती थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो सीबीआई को प्रधानमंत्री द्वारा नियंत्रित conspiracy bureau of investigation की संज्ञा दे चुकी हैं।

अब खुद मद्रास हाई कोर्ट ने यह कह दिया है कि सीबीआई को पिंजरे से आजाद से करने की जरूरत है। हालांकि इससे पहले 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने ही पहली बार सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता करार दिया था। सीबीआई का गठन 1941 में किया गया था। यह प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग को रिपोर्ट करता है। सीबीआई का निदेशक तीन सदस्यीय कमेटी चुनती है। जिसका हिस्सा खुद प्रधानमंत्री, सीजेआई और नेता प्रतिपक्ष होते हैं।