इंसान को उसकी बाहरी आवरण से नहीं पहचाना जा सकता, हिटलर भी शाकाहारी था: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी की मौत की सजा को बरकरार रखते हुए कहा है कि किसी व्यक्ति को बाहर से देखकर न्याय नहीं किया जा सकता, हर किसी के दिमाग में पाप होता है

Updated: Jan 14, 2022, 05:06 AM IST

Photo Courtesy: India Today
Photo Courtesy: India Today

मदुरै। मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक अहम टिप्पणी में कहा है कि इंसान को उसकी बाहरी आवरण से नहीं पहचाना जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि लाखों लोगों की मौत का जिम्मेदार हिटलर भी शाकाहारी था। कोर्ट ने यह टिप्पणी बलात्कार के एक आरोपी की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए की है।

जस्टिस एस वैद्यनाथन और जस्टिस जी जयचंद्रन की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि शुरुआत में हम एक न्यायिक आदेश के जरिए एक व्यक्ति का जान लेने से थोड़ा हिचकिचा रहे थे और सजा को आजीवन कारावास में बदलने के बारे में सोच रहे थे। लेकिन मामले की फिर से सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद हमने पाया क‍ि यह बेहद गंभीर मामला है।

यह भी पढ़ें: महिला पत्रकार को इनबॉक्स में गाली भेजता था युवक, अब मुंबई पुलिस सिखाएगी सबक

मद्रास हाईकोर्ट के मदुरै बेंच ने इस दौरान आदेश कहा कि हर किसी के दिमाग में झूठ, धोखेबाजी और पाप होता है। जिसे किसी व्यक्ति के बाहरी रूप को देखकर नहीं आंका जा सकता है। जैसा कि हिटलर। उसने लगभग 80 लाख लोगों को फांसी देने का आदेश दिया था। वह लाखों लोगों और जानवरों की निर्मम हत्या का जिम्मेदार था। जबकि वह एक शाकाहारी था।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में आगे कहा क‍ि अगर बलात्‍कार के इस दोषी व्यक्ति को इस दुनिया में जीवित रहने की इजाजत दी जाती है, तो वह निश्चित रूप से अन्य सह-कैदियों के दिमाग को दूषित कर देगा जो उस जेल में बंद होंगे और जो छूटने के कगार पर होंगे। अदालत ने कहा क‍ि जब मनुष्य की मनोवृत्ति ऐसे पशु जैसी हो जाए, जिसे अन्य प्राणियों पर कोई दया न हो, तो उसे दण्ड देकर अनंत लोक में भेज दिया जाना चाहिए।

क्या था मामला

जानकारी के मुताबिक 30 जून 2020 को दोपहर 3 बजे के करीब आरोपी समीवेल उर्फ ​​राजा अनुसूचित जाति समुदाय की एक लड़की को एक मंदिर में ले गया। एक सुनसान जगह पाकर उसने बच्ची का यौन शोषण किया। बाद में उसे लगा कि बच्ची घटना के बारे में लोगों को बता देगी, तो उसने उसका सिर एक पेड से टकरा दिया। उसने बच्ची के चेहरे और गर्दन को लहूलुहान करके एक सूखे तालाब में फेंक दिया। यहीं, नहीं उसने बच्ची के शरीर को पत्तियों और झाड़ियों से ढक दिया। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई है।