ट्विटर की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर महिमा कौल का इस्तीफ़ा

किसान आंदोलन के दौरान 250 से ज़्यादा ट्विटर एकाउंट्स को सस्पेंड करने पर हुआ विवाद, बाद में कंपनी ने इन एकाउंट्स को अभिव्यक्ति की आज़ादी का हवाला देकर बहाल किया तो सरकार हुई ख़फ़ा

Updated: Feb 07, 2021, 07:18 AM IST

Photo Courtesy: Twitter/Mahima Kaul
Photo Courtesy: Twitter/Mahima Kaul

ट्विटर इंडिया (Twitter Iindia) की पब्लिक पॉलिसी हेड महिमा कौल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि महिमा कौल ने जनवरी की शुरुआत में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन वे मार्च के अंत तक ट्विटर के साथ जुड़ी रहेंगी। कंपनी की तरफ से आए एक बयान के मुताबिक महिमा ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है।

ट्विटर के ग्लोबल पॉलिसी हेड मॉनिक मेश (Monique Meche) की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, “महिमा कौल ने भारत और दक्षिण एशिया के लिए ट्विटर पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर के रूप में अपनी भूमिका से हटने का फैसला इस साल की शुरुआत में ही कर लिया था। वे एक ब्रेक लेना चाहती हैं। ट्विटर के लिए यह एक नुकसान है। लेकिन पांच साल तक अहम भूमिका निभाने के बाद हम उनके व्यक्तिगत जीवन पर ध्यान देने की उनकी इच्छा का सम्मान करते हैं। महिमा मार्च के अंत तक अपनी भूमिका में बनी रहेंगी।

महिमा कौल के इस्तीफे की जानकारी उस वक्त सामने आई है जब सोशल मीडिया लगातार सवालों के घेरे में बना हुआ है। पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से हेट स्पीच जैसे मुद्दों पर ट्विटर का रुख कई बार सवालों के घेरे में रहा है। भारत में उस पर सरकार के दबाव में काम करने के आरोप भी लगे हैं। खास तौर पर किसान आंदोलन से जुड़े कई एकाउंट्स को अचानक सस्पेंड किए जाने के बाद ट्विटर की काफी आलोचना हुई। इसके बाद ट्विटर ने कई एकाउंट बहाल कर दिए, जिससे भारत सरकार बेहद खफा है। 

हिदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार ने किसान आंदोलन के बारे में ट्वीट करने वाले 250 से ज्यादा एकाउंट को सस्पेंड करने को कहा था। ट्विटर ने इनमें से कई एकाउंट्स को सस्पेंड कर भी दिया। लेकिन बाद में इस कार्रवाई का काफी विरोध होने पर कई एकाउंट बहाल कर दिए गए। इसके ट्विटर ने कई एकाउंट्स को ये कहते हुए बहाल कर दिया था कि वे "फ्री स्पीच" यानी अभिव्यक्ति की आज़ादी के तहत आते हैं और साथ ही वे खबरों के लिहाज से भी अहम हैं। 

खबरों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने इसके बाद ट्विटर को काफी कड़ा पत्र भेजा। इस पत्र में ट्विटर पर आरोप लगाया गया है कि उसने किसानों के कथित नरसंहार (farmers genocide) की बात करने वाले ट्वीट्स पर रोक न लगाकर भारती कानूनों का उल्लंघन किया है। साथ ही सरकार ने यह चेतावनी भी दी कि अगर सरकार की तरफ से बताए गए 250 से ज्यादा एकाउंट्स और पोस्ट्स को ब्लॉक नहीं किया गया तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।