नंदीग्राम में घायल ममता बनर्जी के पैर में प्लास्टर, सांस फूलने और सीने में दर्द की भी शिकायत

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कल नंदीग्राम में हमले का लगाया था आरोप, हमले के वक्त एसपी या पुलिस के मौजूद नहीं रहने का भी इल्ज़ाम , राज्यपाल अस्पताल में हाल-चाल जानने पहुँचे

Updated: Mar 11, 2021, 04:38 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
Photo Courtesy: Amar Ujala

कोलकाता। नंदीग्राम में लगी चोट के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में फ्रैक्चर हो गया है। उनके बाएं पैर में प्लास्टर लगाया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक ममता की सांस फूल रही है और उनके सीने में दर्द भी है। डॉक्टरों के मुताबिक उनके पैर के लिगामेंट और सॉफ्ट टिश्यूज में भी चोट लगी है। ममता बनर्जी के अस्पताल में भर्ती होने की वजह से टीएमसी आज अपना मेनिफेस्टो जारी नहीं करेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ममता बनर्जी के बाएं टखने में भी काफी चोट आई है। इसके साथ ही पैर पर खरोंच के निशान भी हैं। उनके दायें कंधे पर भी चोट है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ममता की कलाई और गर्दन पर भी चोट लगी है। 66 वर्षीय ममता को तेज बुखार भी है। SSKM अस्पताल के डॉक्टर एम बंधोपाध्याय ने बताया की सीएम ममता बनर्जी को अगले 48 घंटे तक निगरानी में रखा जाना बेहद जरूरी है।

डॉक्टर ने कहा कि हम एमआरआई भी करना चाहते हैं। एमआरआई करने के बाद सीएम को विशेष वार्ड में लाया जाएगा। राज्य सरकार ने उनके उपचार के लिए पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम बनाई है। इसके पहले ममता का एक्स-रे भी करवाया गया है। उनकी सेहत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए आज उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद कम है। ममता के समर्थक उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना कर रहे हैं। अस्पताल के बाहर उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा है।

राज्यपाल धनखड़ मिलने पहुंचे

ममता पर हमले की जानकारी के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ देर रात सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में उनसे मिलने पहुंचे। धनखड़ के आने पर नाराज टीएमसी समर्थकों ने उनके खिलाफ वापस जाओ के नारे लगाए। राज्यपाल करीब आधे घंटे तक मुख्यमंत्री के कक्ष में रहे। ममता ने धनखड़ को घटना के बारे में जानकारी दी।

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बुधवार की शाम को चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में 4-5 लोगों ने उन पर हमला किया। ममता का कहना है कि उन पर यह हमला एक साजिश के तहत किया गया। मुख्यमंत्री का आरोप है कि उन पर हुए हमले के दौरान स्थानीय पुलिस उनके साथ नहीं थी।

सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि मंगलवार को चुनाव आयोग ने आदेश देकर रातों-रात पश्चिम बंगाल पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी को बदल दिया था। मौजूदा डीजीपी चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त हैं। चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही राज्य का पुलिस प्रशासन पूरी तरह से चुनाव आयोग के नियंत्रण में चला जाता है। ऐसे में अगर ममता बनर्जी की सुरक्षा में वाकई कोई लापरवाही या चूक हुई है, तो इसके लिए चुनाव आयोग ही जिम्मेदार माना जाएगा। यही वजह है कि आयोग ने ममता बनर्जी पर हुए हमले के सिलसिले में पूरी रिपोर्ट मांगी है।