दिवाली पर जहरीली हुई दिल्ली-NCR की हवा, धुएं के गुबार से ढंका आसमान

बेमानी साबित हुआ पटाखों पर बैन, दिल्ली-NCR में जमकर हुई आतिशबाजी, वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंचा, दिल्ली में चारो ओर धुआं-धुआं सा नजारा

Updated: Nov 05, 2021, 04:21 AM IST

Photo Courtesy: India Today
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नई दिल्ली। दिवाली की अगली सुबह देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास का इलाका धुएं के गुबार से ढंका दिखा। दिल्ली-NCR में चारो ओर धुआं-धुआं सा नजारा है और प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। ये स्थिति तब है जब प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने पटाखों की बिक्री एवं इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। हालांकि, पटाखों पर बैन बेमानी साबित हुआ। दिल्ली में लोग दिवाली की रात नॉन स्टॉप आतिशबाजी करते रहे।

बड़े पैमाने पर आतिशबाजी का नतीजा ये रहा कि दीवाली के अगले दिन यानी शुक्रवार सुबह राजधानी की वायु गुणवत्ता 'खतरनाक' स्थिति में पहुंच गई। आसमान पर धुंध की मोटी चादर छाई नजर आई। शुक्रवार सुबह जनपथ में वायु गुणवत्ता (Air Quality Index) का स्तर 655.07 पर रहा। हवा में जहरीली धुएं की वजह से कई लोगों को आंखों में पानी आने और गले में खारिश की तकलीफ है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्‍ली के पूसा, आनंद विहार, मंदिर मार्ग, मेजर ध्‍यानचंद स्‍टेडियम, ओखला समेत कई इलाकों में AQI 999 दर्ज किया गया, जो कि उच्‍चतम है, क्योंकि इसके बाद के स्तर पर मापने का कोई तरीका नहीं है। दिल्‍ली से सटे यूपी के गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम समेत अन्‍य इलाकों में भी हवा जहरीली हो गई है।

बता दें कि ज़ीरो से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 को 'मध्यम', 201 और 300 को 'खराब', 301 और 400 को 'बेहद खराब' और 401 और 500 को 'गंभीर' माना जाता है। एक्सपर्ट्स ने पूर्वानुमान जताया था कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, पराली जलाने, पटाखे जलाये जाने और अन्य कारकों के चलते मध्यरात्रि तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर' की श्रेणी के करीब पहुंच सकता है। 

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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’के पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 35 प्रतिशत और शनिवार को 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इस वजह से हवा जहरीली बनी रहेगी। सफर के मुताबिक, 7 नवंबर की शाम तक ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि एक्यूआई 'बेहद खराब' की श्रेणी में रहने की आशंका है।