Sachin Pilot: घर वापसी की तीन शर्तें

Rajasthan Crisis: राजस्थान से दूर अब केंद्रीय राजनीति में सक्रिय होने की संभावना बढ़ी

Updated: Sep 19, 2020, 01:29 AM IST

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजनीति के गलियारों में इस समय सचिन पायलट की राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के साथ दिल्ली में हुई बैठक की चर्चा जोरों पर है। बताया जा रहा है कि यह चर्चा सकारात्मक रही है और अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की घर वापसी हो सकती है और साथ ही राजस्थान में जारी सियासी उठापटक भी खत्म हो सकती है। यह भी बताया जा रहा है कि सचिन पायलट ने तीन मांगे सामने रखी हैं और उन्हें सभी शिकायतें दूर करने का आश्वासन मिला है।

सचिन पायलट की मांगे

  • पहली मांग के तौर पर सचिन पायलट ने राहुल गांधी से कहा है कि सार्वजनिक तौर पर यह ऐलान किया जाए कि भविष्य में पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
  • दूसरी मांग के तौर पर पायलट ने कहा है कि अगर उन्हें भविष्य में मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान नहीं किया जा सकता तो कम से कम पायलट कैंप के दो वरिष्ठ विधायकों को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया जाए और बाकी के विधायकों को भी राज्य कैबिनेट, विभिन्न बोर्ड्स और कॉर्पोरेशन में जगह दी जाए। पायलट ने कहा है कि वे दिल्ली में कांग्रेस महासचिव का पद संभाल सकते हैं।
  • अंतिम मांग के रूप में पायलट ने कहा कि एक सम्मानपूवर्क घरवापसी के लिए जरूरी है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में बने चुनावी घोषणापत्र में जो भी वादे किए गए थे, उन्हें लागू करने के लिए सार्वजनिक तौर पर घोषणा की जाए।

आपको बता दें राजस्थान में सियासी संकट राज्य सभा चुनाव के वक्त से ही चल रहा था। और चुनाव खत्म होते ही सचिन पायलट बागी विधायकों के साथ हरियाणा के ेक होटेल में जा बैठे। लंबी खींचतान और कोर्ट कचहरी के बाद ताज़ा घटनाक्रम यह है कि जयपुर में पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा मुख्यमंत्री निवास पर सीएम अशोक गहलोत से कुछ देर पहले मुलाकात की है। सूत्र बताते हैं कि उनके साथ 6 विधायक और भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे।