ताऊ -ते तूफान से तबाही का जायज़ा लेने गुजरात पहुँचे पीएम मोदी, एनसीपी ने कहा महाराष्ट्र भी है प्रभावित

महाराष्ट्र, गुजरात, दमन-दीव में ताऊ- ते तूफान के कारण बड़ा नुकसान हुआ है। इसी नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात, दमन और दीव का दौरा कर रहे हैं।

Updated: May 19, 2021, 02:08 PM IST

Photo courtesy: PIB
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दिल्ली। ताउ -ते तूफान की रफ्तार भले ही कम पड़ने लगी है लेकिन इसने गुजरात, महाराष्ट्र, दमन- द्वीप में भरी नुकसान पहुंचाया है। इसी नुकसान का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को गुजरात तथा दीव के दौरे पर हैं। पीएम मोदी सबसे पहले गुजरात के भावनगर पहुंचे। पीएम मोदी ने ऊना, दीव, जाफराबाद और मूवा जैसे प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। वहीं तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद उन्होंने अहमदाबाद में अधिकारियों के साथ एक बैठक ली। बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी मौजूद रहे। 

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के मुताबिक राज्य में चक्रवाती तूफान से 45 मौतें हुई हैं और 16,000 से ज्यादा घरों को नुक्सान पहुंचा है। जबकि 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 1 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे तूफान से उखड़ गए हैं। 159 सड़क और 196 मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, जिनमें से 45 को फिर से खोल दिया गया है। 2437 गांवों में बिजली ठप्प रही। रुपाणी ने कहा कि प्रदेश सरकार की मुख्य चिंता करीब 1400 अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के निर्बाध उपचार की है। तूफान गुजरात तट से अत्यंत तीव्र चक्रवाती तूफान के रूप में गुजरा था। इसकी रफ्तार 205 किलोमीटर प्रति घंटा थी जो अब घटकर 105-115 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई है।

चक्रवाती तूफान से प्रभावित इलाकों में पीएम के हवाई सर्वे को लेकर एनसीपी ने सवाल खड़े किए हैं। एनसीपी ने कहा है कि चक्रवात तौकते की वजह से कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और दीव में नुकसान हुआ है। महाराष्ट्र के 5 ज़िलों में बड़ी तबाही हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री आज दीव और गुजरात का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। सवाल है कि महाराष्ट्र का हवाई सर्वेक्षण क्यों नहीं किया गया। क्या ये भेदभाव है? 

गौरतलब है कि चक्रवाती तूफान ताऊते ने गुजरात के अलावा गोवा, महाराष्ट्र में भी भारी तबाही मचाई है। दोनों राज्यों में तूफान की वजह से पेड़ों व घर की दीवारों के नीचे दबकर सैकड़ों लोगों की जान चली गई। लेकिन प्रधानमंत्री का दौरा सिर्फ गुजरात के इलाकों में हुआ, तो एनसीपी को सवाल उठाने का मौका मिल गया।