गुजरात दंगे किसकी सरकार में हुए थे, सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में पूछा गया सवाल

सीबीएसई की बारहवीं की टर्म एक की परीक्षा के दौरान यह सवाल पूछा गया है, सीबीएसई ने इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है

Updated: Dec 02, 2021, 06:58 AM IST

Photo Courtesy: Navjivan
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नई दिल्ली। भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम रहने के दौरान गुजरात में हुए दंगे एक बार फिर चर्चा में हैं। सीबीएसई द्वारा बारहवीं की परीक्षा में गुजरात दंगों से जुड़ा एक सवाल खुद संस्था के लिए सवाल बन गया है। सवाल ये कि इसे कैसे और किसने बना दिया और पूछ लिया। सीबीएसई के एक्जाम में पूछे गए इस सवाल पर बोर्ड ने अब स्टेमेंट जारी कर इसे inappropriate यानी अनुपयुक्त यानी नामुनासिब सवाल बताया है। साथ ही बोर्ड का कहना है कि यह पेपर सेट करनेवाले बाहरी विशेषज्ञों की तरफ से सीबीएसई की गाइडलाइन्स का वायलेशन है। यही नहीं सीबीएसई पेपर बनानेवाले पर सख्त एक्शन की तैयारी भी कर रही है।

बुधवार को सीबीएसई की बारहवीं कक्षा में समाजशास्त्र के प्रश्न पत्र में यह सवाल पूछा गया था। प्रश्नपत्र के एक बहुविकल्पीय प्रश्न में पूछा गया था कि '2002 में गुजरात में अभूतपूर्व स्तर पर मुस्लिम विरोधी हिंसा कौन सी सरकार के दौरान हुई थी?' इसके लिए परीक्षार्थियों को चार विकल्प दिए गए थे। जिसमें बीजेपी, कांग्रेस, रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक का विकल्प दिया गया था। 

सवाल पूछे जाने के कुछ ही घंटों में यह प्रश्न सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो गया। आनन-फानन में रात को ही सीबीएसई बोर्ड को स्टेमेंट जारी करना पड़ा कि यह एक त्रुटि थी और जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सीबीएसई ने यह दलील दी कि प्रश्न केवल अकादमी से जुड़े हुए होने चाहिए। प्रश्न में वर्ग और धर्म के प्रति तटस्थता होनी चाहिए। इतना ही नहीं सीबीएसई ने यह भी कहा कि प्रश्न पत्र में ऐसे सवालों को जगह नहीं दी जानी चाहिए जो सामाजिक और राजनीतिक पसंद के आधार पर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हों। 

फरवरी 2002 में गुजरात में साबरमती एक्सप्रेस के दो डिब्बों में आग के बाद दंगे भड़क गए थे। जिसमें हजारों की तादाद में लोगों की जान गयी थी। इस दौरान केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकारें थीं और तब यह बहुत बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बना था। मामला अदालत भी पहुंचा लेकिन तमाम लोग सबूतों के अभाव में बरी हो गए। इस मामले से जुड़ा एक केस अब भी तत्कालीन कांग्रेस सांसद रहे एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लड़ा जा रहा है।