अन्नदाताओं ने झुकाया अहंकार का सिर, राहुल गांधी ने कानूनों की वापसी पर किसानों को दी मुबारकबाद
कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद से तमाम प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, कुछ लोग इसे प्रधानमंत्री का चुनावी स्टंट करार दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे किसानों की आधी जीत करार दे रहे हैं

नई दिल्ली। तीनों कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के अन्नदाताओं को बधाई दी है। राहुल गांधी ने कहा है कि अन्नदाताओं ने मोदी सरकार के अहंकार को चकनाचूर कर दिया है। राहुल गांधी ने किसानों से कहा है कि अन्याय के खिलाफ यह जीत मुबारक हो।
राहुल गांधी ने अपने पुराने बयान को साझा करते हुए कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया है।अन्याय के खिलाफ यह जीत मुबारक हो। जय हिंद, जय हिंद का किसान।
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!
जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद से ही मोदी सरकार के फैसले पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कुछ लोग इसे किसानों की जीत करार दे रहे हैं, तो कुछ लोगों का कहना है कि अभी मंजिल मिली नहीं है। जब तक किसानों को एमएसपी की गारंटी का कानून बनाकार नहीं दिया जाता, तब तक किसानों की जीत पूरी नहीं होगी। कुछ लोग मोदी सरकार के कानूनी वापसी के फैसले को चुनावी स्टंट भी करार दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि तीनों कानूनों की वापसी का फैसला स्वागत योग्य है। हालांकि कपिल सिब्बल ने फैसला लेने में हुई देरी की भी आलोचना की। कपिल सिब्बल ने कहा कि आंदोलन के दौरान प्राण गंवाने वाले लोगों को बचाया जा सकता था।
PM in UP :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) November 19, 2021
Will roll back the three farm laws
Welcome move
Wisdom dawns because of UP elections
Lost lives could have been saved !
वहीं कृषि मामलों के जानकार देविंदर शर्मा का कहना है कि कृषि कानूनों की वापसी का फैसला किसानों की आधी जीत है। जब तक एमएसपी को किसानों के कानूनी अधिकार के दायरे में नहीं लाया जाता, तब तक कृषि संकट समाप्त नहीं होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान तीनों कृषि कानूनों की वापसी का एलान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार साफ नियत से किसानों के लिए तीनों कानून लाई थी, लेकिन वह कुछ किसानों को समझाने में असफल हुए। जिसके बाद उनकी सरकार ने संसद के आगामी सत्र में कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
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दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों की वापसी को लेकर पिछले एक वर्ष से किसान डटे हुए थे। देश के विभिन्न हिस्सों में कानूनों की वापसी की मांग को लेकर लगातार आवाज़ें उठ रही थीं। किसानों ने इसके लिए जगह जगह महापंचायत का आयोजन भी किया। इस दौरान कई किसान आंदोलन के दौरान शहीद भी हो गए।