Ashok Gehlot: राजस्थान की गहलोत सरकार ने पूरे किए 501 में से 252 वादे, पेश किया 21 महीनों का रिपोर्ट कार्ड

Rajasthan Government: 64 पृष्ठों के रिपोर्ट कार्ड में 17 दिसम्बर 2018 से दो अक्टूबर 2020 तक किए कामों का ब्यौरा, प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने की तारीफ

Updated: Oct 03, 2020, 05:56 AM IST

जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत ने अपने 21 माह के कार्यकाल में जन घोषणा पत्र में किए गए 50 प्रतिशत से अधिक वादों को पूरा कर दिया हैं। राजस्थान सरकार ने गुरुवार को जन घोषणा पत्र में किए गए कामों का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए यह जानकारी दी। नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद नहीं थे। 64 पृष्ठों के रिपोर्ट कार्ड में 17 दिसम्बर 2018 से दो अक्टूबर 2020 तक जनघोषणा पत्र के क्रियान्वित कामों के बारे में बताया गया है।

मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि कांग्रेस सरकार बनने से जन घोषणा पत्र के माध्यम से 501 वादे किए थे। पिछले 21 महीनों में कांग्रेस सरकार ने इनमें से 252 वायदों को पूरा कर लिया हैं जबकि 173 जन घोषणाओं पर काम चालू है। महामारी कोरोना के चलते इसमें कुछ बाधाएं जरुर आई लेकिन वह सभी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि राज्य में केवल 21 महीनों में ही 501 जन घोषणाओं में 252 की क्रियान्विति कर लेना बड़ी उपलब्धि एवं खुशी की बात हैं। उन्होंने कहा कि इन वादों ने किसानों का कर्जा माफ, ऋण वितरण, पूरा समर्थन मूल्य मिलने के अलावा 550 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को गौंण मंडी घोषित करना शामिल हैं। 

गहलोत सरकार ने सराहनीय काम किया: अजय माकन 

प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन ने कहा कि राजस्थान सरकार ने कांग्रेस के घोषणापत्र को नीति दस्तावेज बनाया। किसी भी लोकतंत्र में सरकार के लिए इससे बेहतर तरीका काम करने के लिए नहीं हो सकता है। फीडबैक के दौरान सामने आया है कि सभी मंत्रियों के कामकाज का 50 फीसदी काम हो चुका है।कोरोना के समय में राजस्थान में जिस तरह के काम किए गए, वो भी सराहनीय हैं।

ग़ौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने दो अक्टूबर को जनघोषणा पत्र पर अब तक हुए काम का रिपोर्ट कार्ड जारी करने को कहा था। राज्य सरकार ने जनघोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज बनाकर इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला के नेतृत्व में तीन मंत्रियों की एक समिति  बनाई गई थी। समिति हर महीने कामकाज की समीक्षा करती रही है।