फिल्मी सफर पर निकले सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, हाल ही में राजनीति छोड़ने के दिए थे संकेत

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के जीवन पर आधारित मराठी फिल्म 'गडकरी' बनकर तैयार, 28 अक्टूबर को सिल्वर स्क्रीन पर होगी रिलीज

Updated: Oct 18, 2023, 07:13 PM IST

मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में नागपुर में कहा था कि कभी-कभी उनका मन राजनीति छोड़ देने का करता है। अब लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सियासी सफर को छोड़ अब नितिन गडकरी फिल्मी सफर पर निकल चुके हैं। दरअसल, गडकरी के जीवन पर आधारित मराठी फिल्म "गडकरी" 28 अक्टूबर को सिल्वर स्क्रीन पर लॉन्च होने वाली है।

बुधवार को गडकरी फिल्म की ट्रेलर रिलीज हुई। ट्रेलर रिलीज कार्यक्रम में स्वयं गडकरी उपस्थित नहीं थे। हालांकि, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से लेकर संघ और भाजपा के कई पदाधिकारी लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह फिल्म भाजपा कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि एक नेता बनना और कार्यकर्ता की तरह कैसे कार्य किया जाता है, इस फिल्म में दर्शाया गया है।

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भारतीय सिनेमा में किसी जीवित राजनेता को सिल्वर स्क्रीन पर याद किया जाना दुर्लभ है, खासकर भाजपा में जहां इस तरह के सम्मान केवल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रिजर्व हैं। बावजूद इस फिल्म को लेकर लोगों में दिलचस्पी है। दर्शक फिल्म में पीएम मोदी और गडकरी के बीच अदावत का सीन देखने को लेकर उत्सुक हैं। 

एक व़क्त था जब नितिन गडकरी को बीजेपी के अध्यक्ष पद पर दोबारा चुने जाने के लिए पार्टी के संविधान तक को संशोधित कर दिया गया था और अब एक आज का व़क्त है, जब उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति से बाहर कर दिया गया है।

गडकरी फिल्म के निर्माता इसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के जीवन का यथार्थवादी चित्रण कहते हैं।यह फिल्म निर्माता अनुराग राजन भुसारी द्वारा लिखित और निर्देशित है। राहुल चोपड़ा जहां गडकरी का किरदार निभा रहे हैं, वहीं ऐश्वर्या डोर्ले उनकी पत्नी कंचन गडकरी के किरदार में हैं। 

फिल्म की पटकथा को लेकर फिलहाल ज्यादा डिटेल सामने नहीं आई है। हालांकि, फिल्म रिलीज होने के बाद कॉन्ट्रोवर्सी तय है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म में गडकरी के संघर्ष, जनसंघ से बीजेपी तक के सफर, संघ के स्वयंसेवक के तौर पर उनका योगदान समेत उनके पूरे राजनीतिक सफर को फिल्म के जरिए दिखाया जाने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि फिल्म में पीएम मोदी और गडकरी के बीच अदावत और विचारों में भिन्नता को भी दिखाया जा सकता है।

हाल ही नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देश के मौजूदा राजनेताओं को लेकर कहा था कि महात्मा गांधी के समय राजनीति देश, समाज, विकास के लिए होती थी, लेकिन अब लोग राजनीति सिर्फ़ सत्ता के लिए करते हैं। कभी-कभी मेरा मन राजनीति छोड़ देने का करता है। गडकरी ने इस दौरान किसी का नाम तो नहीं लिया था, हालांकि सियासी पंडितों का मानना था कि गडकरी पीएम मोदी की ओर इशारा कर रहे थे।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पीएम मोदी से विचारों की भिन्नता और स्पष्टवादिता के कारण गडकरी का राजनीतिक करियर पिछले कुछ सालों में काफ़ी प्रभावित हुआ है। पिछले महीने एक कार्यक्रम में उन्होंने पार्टी नेतृत्व से अपनी दूरी का एक और संकेत देते हुए था कि इस लोकसभा में मैं कोई बैनर या पोस्टर नहीं लगाऊंगा। लोगों को चाय भी नहीं दी जाएगी। मेरा मानना है कि जो लोग वोट देना चाहते हैं वे वोट देंगे, जो नहीं देना चाहते हैं वे नहीं देंगे।