समाजवादी पार्टी की मान्यता समाप्त करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि सपा ने कैराना से नाहिद हसन को उम्मीदवार बनाया है, नाहिद हसन पर आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं, लेकिन उम्मीदवारी का एलान होने के 48 घंटे बाद भी हसन के ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी साझा नहीं की गई

Publish: Jan 17, 2022, 05:28 AM IST

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के कारण राज्य का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। समाजवादी पार्टी की मान्यता समाप्त करने की मांग सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें समाजवादी पार्टी द्वारा अपने एक उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड साझा न करने का आरोप लगा है। याचिका में कहा गया है कि सपा ने अपने उम्मीदवार के ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी साझा न कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। 

समाजवादी पार्टी के खिलाफ यह याचिका उसके कैराना सीट से उम्मीदवार नाहिद हसन के सिलसिले में दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि कैराना विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने एक कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन को टिकट दिया है। लेकिन नाहिद हसन की उम्मीदवारी का एलान होने के 48 घंटे बाद भी नाहिद हसन पर दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी समाजवादी पार्टी ने साझा ने नहीं की। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने नाहिद हसन की उम्मीदवारी तय करने का कारण भी नहीं बताया।

याचिका में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने ऐसा कर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। इसलिए कोर्ट को चुनाव आयोग को इस मामले में उचित कार्रवाई के निर्देश देने चाहिए। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी की मान्यता भी रद्द कर दी जानी चाहिए। 

दरअसल हाल ही में समाजवादी पार्टी ने कैराना सीट से नाहिद हसन को टिकट दिया था। नाहिद हसन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद शनिवार को हसन को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद नाहिद हसन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं समाजवादी पार्टी नाहिद हसन का टिकट काट चुकी है। नाहिद हसन की जगह समाजवादी पार्टी ने नाहिद की बहन इकरा को कैराना सीट से उम्मीदवार बनाया है।