अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे शरद पवार, दो-तीन दिन का मांगा है समय: अजीत पवार

शरद पवार ने अपनी आत्‍मकथा के विमोचन के अवसर पर अध्‍यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया। इसके बाद एनसीपी कार्यकर्ता उन्हें मनाने के लिए धरने पर बैठ गए।

Updated: May 02, 2023, 07:08 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने 17 अप्रैल को कहा था कि 15 दिन में महाराष्ट्र की राजनीति में दो बड़े विस्फोट होंगे। इस बयान के 16वें दिन शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष का पद छोड़ने का ऐलान कर दिया। इस ऐलान के बाद एनसीपी कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए। अब खबर आई है कि शरद पवार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे और इसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं से दो-तीन दिन का समय मांगा है।

एनसीपी नेता और उनके भतीजे अजित पवार ने कहा कि शरद पवार ने कहा है कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। उन्‍होंने इसके लिए दो-तीन दिन का वक्‍त मांगा है। अजित पवार ने मंगलवार शाम मीडिया से कहा कि, "शरद पवार के फैसले के बाद हम सभी भावुक हो गए और उन्हें घंटों तक रोके रखा और फिर से विचार करने की मांग की। देर हो रही थी इसलिए हमने शरद पवार को घर चलने को कहा। हालांकि, पार्टी कार्यकर्ताओं का विरोध जारी रहा। बाद में कई नेता उनसे मिलने के लिए गए और उन्हें बताया कि राज्य भर में क्या हो रहा है।"

यह भी पढ़ें: मोदी सरनेम केस: राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

बकौल अजीत पवार शरद पवार ने कहा है कि मुझे अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए दो से तीन दिन चाहिए, लेकिन मैं ऐसा तभी करूंगा जब कार्यकर्ता प्रदर्शन बंद कर अपने घर चले जाएंगे। अजित पवार ने कहा कि, "हमने शरद पवार से कहा कि कार्यकर्ता नाखुश हैं, आप अध्यक्ष बनिए और कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कीजिए। शरद पवार ने हमारी बात सुनी और फिर हमें यहां वापस आने और यहां बैठे कार्यकर्ताओं से बात करने को कहा।"

अजीत पवार के मुताबिक शरद पवार के इस्‍तीफे के बाद बुलढाणा और कुछ अन्य जिलों के पार्टी जिलाध्यक्षों ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन शरद पवार ने कहा कि किसी को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। उन्हें अपने फैसले के बारे में सोचने के लिए दो से तीन दिन चाहिए। उन्‍होंने बताया कि देश भर के कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने आज शरद पवार को फोन किया।

अजित पवार ने आगे कहा कि, "हममें से कोई भी उनके फैसले के बारे में नहीं जानता था। शरद पवार ने 1 मई 1960 को अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और कल की तारीख 1 मई 2023 थी। हम भी सोच रहे थे कि पवार 1 मई 1960 से 1 मई 2023 तक क्यों बोल रहे हैं। तब उन्होंने कहा कि मैं 83 साल का हूं और एक कमेटी बननी चाहिए जो तय करे कि अगला अध्यक्ष कौन होगा। शरद पवार का ये बयान किसी को पसंद नहीं आया। लोग रोने भी लगे।"

बता दें कि प्रमुख शरद पवार के अपने पद से हटने की घोषणा के बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं ने मुंबई में वाईबी चव्हाण केंद्र के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। सुप्रिया सुले और अजित पवार ने सभी कार्यकर्ताओं से बात की और समझने की कोशिश की, लेकिन उसके बाद भी जब कार्यकर्ता नहीं माने तो सुप्रिया सुले ने शरद पवार को फोन लगा कर कार्यकर्ताओं से बात करवाई। बाद में अजीत पवार ने बताया कि अब साहब अपने फैसले को लेकर पुनर्विचार करेंगे।