Shri Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर विवाद बढ़ाने वाली याचिका मथुरा की अदालत में मंजूर

Mathura: श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक से जुड़ी याचिका पर मथुरा जिला जज कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने को कहा

Updated: Oct 16, 2020, 11:59 PM IST

Photo Courtesy: ISKCON
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मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में जिला जज की अदालत ने श्रीकृष्ण जन्म भूमि के दशकों पर पुराने समझौते पर सवाल खड़ा करने वाली एक याचिका सुनवाई के लिए मंज़ूर कर ली है। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी करके उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। 

याचिकाकर्ताओं ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि पर अपना मालिकाना हक होने का दावा किया है। याचिका में यह दावा भी किया गया है कि जिस जगह पर अभी शाही ईदगाह मस्जिद है, वहीं पर पहले भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर हुआ करता था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मुगल काल में श्रीकृष्ण का मंदिर गिराकर ही शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया गया है। इतना ही नहीं, दावा तो यह भी किया जा रहा है कि मस्जिद ठीक उसी जगह पर है, जहां भगवान कृष्ण ने अवतार लिया था।

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गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और मुस्लिम पक्ष ने 1973 में समझौता करके आपसी विवाद को सुलझा लिया था। इस समझौते पर कोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। उसके बाद से मथुरा में मंदिर-मस्जिद का कोई विवाद नहीं रहा। लेकिन अब एक बार फिर से इस विवाद को हवा देने की कोशिश की जा रही है। हालांकि 1991 का प्लेस ऑफ वर्शिप ऐक्ट इस तरह का नया विवाद खड़ा करने की इजाजत नहीं देता है। इस कानून में साफ कहा गया है कि 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस सम्प्रदाय के पास था, वह उसी का रहेगा। इस एक्ट में सिर्फ बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद को अपवाद माना गया है। शीर्ष अदालत की पांच जजों की बेंच भी इस तरह की नई मुकदमेबाजी को गलत बता चुकी है।