सेब की तुलना संतरे से नहीं कर सकती गुजरात सरकार, बिल्किस मानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर गुजरात सरकार दोषियों की रिहाई से संबंधित फ़ाइल प्रस्तुत नहीं की तो कोर्ट मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर अवमानना का मामला चलाएगा

Updated: Apr 19, 2023, 10:44 PM IST

नई दिल्ली। गुजरात दंगों की पीड़िता बिल्किस बानो के दोषियों की रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात सरकार को जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को दोषियों की रिहाई की फ़ाइल प्रस्तुत करने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने फ़ाइल प्रस्तुत न करने की स्थिति में गुजरात सरकार के ख़िलाफ़ अवमानना के मामले में सुनवाई करने की चेतावनी भी दी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा कि आख़िर किस आधापर पर गुजरात सरकार ने बिल्किस के दोषियों को रिहा किया? रिहाई को लेकर गुजरात सरकार ने क्या मापदंड अपनाए? क्या गुजरात सरकार ने रिहाई के लिए विवेक का सही ढंग से इस्तेमाल किया? हम यह सब जानना चाहते हैं लेकिन अगर गुजरात सरकार फ़ाइल प्रस्तुत नहीं करती तो कोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर गुजरात सरकार के ख़िलाफ़ अवमानना का मामला चलाएगा।

हालांकि गुजरात सरकार की ओर से यह पक्ष रखा गया कि गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ाइल दिखाने के आदेश के ख़िलाफ़ एक अन्य याचिका दाखिल कर चुकी है और सरकार ने फ़ाइल प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट से समय की भी मांग की है। 

सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो मामले को लेकर कहा कि सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती। कोर्ट ने कहा कि एक हत्या और नरसंहार के बीच फ़र्क होता है। पीड़िता के साथ गर्भावस्था में दुष्कर्म किया गया और उसके परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा बिल्किस बानो के दोषियों की रिहाई के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अंतिम सुनवाई अब 2 मई को करेगा।