पत्रकार विनोद दुआ पर लगे राजद्रोह के आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, कहा पत्रकारों को संरक्षण का अधिकार
विनोद दुआ पर हिमाचल प्रदेश के बीजेपी नेता ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था, दुआ पर उनके एक वीडियो के सिलसिले में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें बीजेपी नेता ने यह आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने शो में प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर आंतकवादी घटनाओं और मौतों के आधार पर वोट लेने का आरोप लगाया था

नई दिल्ली। पत्रकार विनोद दुआ को राष्ट्रद्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। विनोद दुआ पर लगे राष्ट्रद्रोह के आरोपों को खारिज कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के एक स्थानीय बीजेपी नेता ने पत्रकार के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय बेंच ने पिछले साल 6 अक्टूबर को हुई मामले की सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विनोद दुआ, हिमाचल प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इससे पहले 20 जुलाई को कोर्ट ने अपने आदेश तक दुआ की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
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पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ आईपीसी की धारा 124A, 268 और 501 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। विनोद दुआ के खिलाफ यह मुकदमा हिमाचल के बीजेपी नेता अजय श्याम ने दर्ज कराया था। बीजेपी नेता का आरोप था कि दुआ ने अपने 30 मार्च 2020 को अपने यूट्यूब शो के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर आतंकवादी घटनाओं और मौतों के आधार पर वोट मांगने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही बीजेपी नेता ने कहा था कि दुआ ने अपने शो में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाली टिप्पणियां की थी।