कोरोना वैक्सीन के बारे में ग़लत जानकारी देने वाली पोस्ट हटाएगा ट्विटर

अगले सप्ताह से लागू होगी ट्विटर की नई पॉलिसी, फेसबुक और यूट्यूब पहले ही गलत जानकारी देने वाले कंटेंट को हटाने का एलान कर चुके हैं

Updated: Dec 17, 2020, 06:35 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कहा है कि अगले सप्ताह से वह कोविड-19 टीकाकरण के बारे में गलत या भ्रामक ट्वीट को हटाना शुरू कर देगा। कंपनी का कहना है कि ऐसी जानकारियां सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। एक ब्लॉग पोस्ट में अपनी नीति की घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा कि आने वाले बुधवार से उसकी यह नई नीति लागू हो जाएगी। ट्विटर ने यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब अमेरिका में कोविड-19 का पहला टीका लगाया जा चुका है।

कोविड-19 महामारी पर काबू पाने के लिए अमेरिका में कोरोनावायरस की वैक्सीन लगना शुरू हो गई है। फार्मा कंपनी फाइज़र और बायोएनटेक ने मिलकर जो वैक्सीन बनाई है, उसका अमेरिका में वितरण शुरू हो चुका है। यूरोपीय यूनियन में भी अगले हफ्ते तक इस वैक्सीन पर अंतिम निर्णय ले लिए जाने की उम्मीद है। भारत में भी इस वैक्सीन को देने की तैयारी हो चुकी है। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने कहा है वो अपनी वेबसाइट से इस वैक्सीन से जुड़ी गलत जानकारी को हटाएगा।

ट्विटर ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि वो अपने प्लेटफॉर्म से वैसे पोस्ट हटाएगा जो वायरस  के वास्तविक नहीं होने का दावा करता है या वैक्सीन के प्रभाव संबंधी दावों का खंडन करता है। साथ ही वैसे ट्वीट्स जो वैक्सीन से स्वास्थ्य पर उल्टे प्रभाव का दावा करते हैं, ट्विटर अपनी नई पॉलिसी के तहत उन्हें भी हटाएगा। फेसबुक और यूट्यूब ने इस बाबत पहले ही अपना रुख साफ कर लिया था और ऐसे भ्रामक पोस्ट हटाना शुरू कर दिया है। ट्विटर 23 दिसंबर से अपनी नई पॉलिसी के तहत उल्लंघन करने वालो के पोस्ट हटाना शुरू कर देगा। 

ट्विटर ने कहा कि वह 2021 की शुरुआत में टीकों के बारे में "बिना सोचे-समझे अफवाहों, विवादित दावों के साथ-साथ अधूरे या गलत सूचना" वाले ट्वीट पर लेबल भी लगा सकता है। ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ यह निर्धारित करने के लिए काम करेगी कि कोरोना वैक्सीन के बारे में क्या गलत या हानिकारक जानकारी सार्वजनिक है, जिसे हटाने की जरूरत है। कंपनी अपनी नई नीतियों को अगले हफ्ते तक लागू करेगी और फिर आने वाले हफ्तों में उनका और विस्तार करेगी।

दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कोरोना वायरस और कोविड-19 वैक्सीन से जुड़ी कॉन्सपिरेसी थ्योरी के प्रसार के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कई देशों में नागरिक वैक्सीन लेने से मना कर रहे हैं, जिससे हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने में रुकावट आ सकती है। ट्विटर ने इससे पहले कोविड-19 की प्रकृति, उससे बचाव के उपाय, सुरक्षा या संक्रमण के जोखिम के बारे में भ्रामक जानकारी वाली पोस्टों को हटाने का फैसला भी किया था।