बुलडोजर ने बढ़ाई योगी सरकार की मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा 3 दिनों के भीतर जवाब

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि ये बदले की कार्रवाई है, ये सही भी हो सकती हैं और गलत भी। अगर इस तरह के विध्वंस किए जाते हैं, तो कानूनी प्रक्रिया का पालन हो

Updated: Jun 16, 2022, 08:06 AM IST

नई दिल्ली। बुलडोजर कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य को तीन दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने यहां तक कहा कि ऐसी रिपोर्ट है कि ये बदले की कार्रवाई है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में प्रशासन की तरफ से चल रहे बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सी यू सिंह ने कहा कि, 'ये मामला जरूरी है। उत्तर प्रदेश में ध्वस्तीकरण की करवाई चल रही है। बयान दिया जा रहा है कि ये गुंडे हैं, ऐसे में ध्वस्तीकरण हो रहा है। जो यूपी में चल रहा है वो कभी नहीं देखा गया। यहां तक कि इमरजेंसी में भी ऐसा नहीं हुआ।'

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उन्होंने आगे कहा कि, 'अवैध ठहराकर बिल्डिंग ढहाई जा रही हैं। आरोपी के घर गिराए जा रहे है, ये सभी पक्के घर है। कई 20 साल से भी पुराने हैं। कई घर दूसरे सदस्यों के नाम पर है। लेकिन गिराए जा रहे हैं।'
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इसमें क्या कानूनी प्रक्रिया हुई? जवाब में सिंह ने कहा कि, 'कोई प्रक्रिया नहीं हुई। एक मामले में तो ऐसा हुआ कि आरोपी की पत्नी के नाम पर बने घर को गिराया गया।'

याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से ये साफ कहा कि कोई भी तोड़फोड़ की कार्यवाही कानून की  प्रक्रिया के अनुसार हो। राज्य को सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि ये बदले की कार्यवाही है।ये सही भी हो सकती हैं और गलत भी। अगर इस तरह के विध्वंस किए जाते हैं, कम से कम जो कुछ किया जा रहा है, वे कानून की प्रक्रिया के अनुसार होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को नोटिस जारी करेंगे। सरकार तीन दिन के भीतर जवाब दाखिल करे और सुनिश्चित करे कि इस दौरान कुछ भी अनहोनी न हो। हम तोड़फोड़ रोकने के आदेश नहीं दे सकते। लेकिन कानून की प्रक्रिया का पालन यूपी सरकार करे। सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि सब कुछ निष्पक्ष दिखना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि अधिकारी  कानून के अनुसार कार्य करेंगे।