बंगाल विधानसभा में कृषि कानून विरोधी प्रस्ताव पास, किसानों के मुद्दे पर साथ आए टीएमसी, कांग्रेस और लेफ़्ट

बंगाल विधानसभा में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ तृणमूल ने पेश किया प्रस्ताव, कांग्रेस और लेफ्ट ने किया समर्थन, बीजेपी विधायकों ने विरोध में लगाए जय श्रीराम के नारे

Updated: Jan 28, 2021, 12:44 PM IST

Photo Courtesy : Aajtak
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने आज मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित कर दिया है। सदन में यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पेश किया, जिसे कांग्रेस और लेफ्ट ने राजनीतिक मतभेद भुलाकर पूरा समर्थन दिया। इसी के साथ पश्चिम बंगाल देश का सातवां राज्य बन गया, जहां तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए हैं। किसानों के अधिकार के मुद्दे पर जहां तृणमूल कांग्रेस, लेफ्ट और कांग्रेस चुनावी राजनीति को अलग रखकर एक साथ आ गए, वहीं बीजेपी विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध जय श्री राम के नारे लगाकर किया। 

इससे पहले प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी मोदी सरकार पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा, 'हम किसान विरोधी कानूनों को तुरंत वापस लिए जाने की मांग करते हैं। केंद्र को या इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए या सत्ता से हट जाना चाहिए। यह कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं। हम पूरी तरह से आंदोलनकारी किसानों के साथ हैं।'

पहले दिल्ली संभालो फिर बंगाल को देखो

सीएम ममता ने इस दौरान बीजेपी को नसीहत दी है कि वह पहले दिल्ली को संभाले इसके बाद पश्चिम बंगाल की ओर देखे। उन्होंने कहा, 'बीजेपी हर आंदोलन को आतंकवादी गतिविधि मानती है। किसान इस देश की संपत्ति हैं। उन्हें कोई गद्दार कहे यह हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैंने कुछ दिनों से देखा है कि बीजेपी आईटी सेल लगातार किसानों को आतंकवादी बता रही है। दिल्ली की ठंड में किसान सड़क पर रात गुजार रहे हैं। बीजेपी पहले दिल्ली संभाले, फिर बंगाल की तरफ देखे। बीजेपी को शर्म आनी चाहिए की वह किसानों को सम्मान देना नहीं जानती।

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लंका कांड की तरह देश को जला रही बीजेपी

ममता ने देश में चल रही मौजूदा परिस्थितियों की तुलना रामायण के लंका कांड से की। उन्होंने कहा कि बीजेपी भारत को लंका की तरह जलाने में लगी है। गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के लिए भी ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'दिल्ली पुलिस हालात को संभालने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने सवाल किया कि गणतंत्र दिवस पर हुई घटनाओं के दौरान दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी? यह पूरी तरह खुफिया तंत्र की नाकामी है।'

पश्चिम बंगाल विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद सदन में भारी हंगामा हुआ। इस दौरान बीजेपी के विधायक दल के नेता मनोज तिग्गा के नेतृत्व में पार्टी के विधायक सदन के वेल में पहुंच गए और मोदी सरकार के कानूनों के खिलाफ भ्रामक अभियान चलाने का आरोप लगाया। इसके बाद बीजेपी नेता जय श्रीराम का नारा लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर गए।

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बीजेपी के विरोध के बीच ममता सरकार ने कांग्रेस और लेफ्ट के समर्थन के प्रस्ताव को आसानी से पास करा लिया। इससे पहले पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, केरल, दिल्ली और पुड्डुचेरी की सरकारें भी मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं।