मेक इन इंडिया में ये क्या हो रहा है, iPhone बनाने वाली फैक्ट्री में वेतन नहीं मिलने पर बवाल की नौबत

भारत में iPhone बनाए जाने को मोदी सरकार हमेशा मेक इन इंडिया प्रोग्राम की बड़ी कामयाबी के तौर पर पेश करती थी, ऐसे में इस फैक्ट्री की मौजूदा हालत को क्या इस प्रोग्राम की नाकामी माना जाएगा

Updated: Dec 13, 2020, 02:04 AM IST

Photo Courtesy : Hindustan
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कोलार। कर्नाटक में ऐपल के लिए आईफोन बनाने वाली एक फैक्ट्री में महीनों से वेतन नहीं मिलने पर कर्मचारी तोड़फोड़ पर उतारू हो गए। यह फैक्ट्री कर्नाटक के कोलार जिले के नरसापुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। बताया जा रहा है कि यहां काम करने वाले कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला था, जिसके चलते गुस्से में आकर उन्होंने जमकर उत्पात मचाया। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। कुछ लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक उत्पात मचाने वाले कर्मचारी विस्ट्रॉन कॉर्पोरेशन (Wistron Corporation) के लिए काम करते हैं, जिसका हेडक्वार्टर ताइवान में है। यह कंपनी ऐपल के लिए क़ॉन्ट्रैक्ट पर आईफोन बनाने का काम करती करती है, जिसकी फैक्ट्री कर्नाटक के कोलार जिले के नरसापुर औद्योगिक क्षेत्र में है।

कंपनी के कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिला। वेतन मांगने पर कंपनी बार-बार आश्वासन देती रही, लेकिन उन्हें पैसे नहीं दिए गए। इससे उनका और उनके परिवार का गुजारा मुश्किल हो गया है। ऐसे में कर्मचारियों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने फैक्ट्री में जमकर तोड़फोड़ की। कर्माचारियों का दावा है कि कंपनी ज़्यादतर कर्मचारियों से 12 घंटे से भी ज्यादा काम कराती है, लेकिन पैसे सिर्फ 7-8 घंटे के हिसाब से दिए जाते हैं, वो भी सिर्फ 200 से 300 रुपये।

इन हालात में जब कर्मचारियों को कई महीने तक अपने बकाया पैसे नहीं मिले तो उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने कांच के दरवाजे और केबिन तोड़ डाले। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। इस दौरान फैक्ट्री में खड़े कुछ वाहनों और कंपनी के बोर्ड को आग भी लगा दी गई। हंगामे के दौरान फैक्ट्री में पत्थरबाजी किए जाने की बात भी कही जा रही है।

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बताया जा रहा है कि कर्मचारियों का वेतन देने में ढिलाई बरतने वाले फैक्ट्री प्रबंधन ने पुलिस बुलाने में बड़ी मुस्तैदी से काम लिया और पुलिस ने भी कर्मचारियों पर बल-प्रयोग करके उन्हें खदेड़ने में कोताही नहीं बरती। कंपनी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कुछ कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। हालांकि ये नहीं पता है कि पुलिस-प्रशासन ने कर्मचारियों से काम करवाने के बाद उन्हें महीनों तक वेतन नहीं देने वाले मैनेजमेंट के खिलाफ भी कोई कार्रवाई शुरू की है या नहीं।

बहरहाल, इस घटना ने मोदी सरकार के मेक-इन इंडिया प्रोग्राम की सफलता पर गंभीर सवाल ज़रूर खड़े कर दिए हैं। ऐपल ने जब अपने आईफोन को भारत में बनाने का एलान किया था तो इसे पीएम मोदी के मेक इन इंडिया प्रोग्राम की कामयाबी के बड़ा सबूत बताते हुए खूब ढिंढोरा पीटा गया था। मेक इन इंडिया की सफलता के पक्ष में दी जाने वाली मिसालों में भारत में बनने वाले आईफोन का ज़िक्र भी हमेशा किया जाता रहा है। सफलता की मिसाल बताई जा रही उसी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में कर्मचारियों को महीनों तक वेतन नहीं मिला और इस वजह से तोड़फोड़ तक की नौबत आ जाना वाकई चिंता में डालने वाली खबर है।