PM Cares fund : सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने पर PMO को आपत्ति
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वे विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे कि याचिका पर विचार क्यों नहीं होना चाहिए

प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय से पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित करने वाली जनहित याचिका को खारिज करने का अपील की है। बुधवार को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दिल्ली उच्च न्यायालय में पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक प्राधिकरण करने की मांग पर सुनवाई हो रही थी। इस दौरान पीएमओ की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश नवीन चावला के सामने इस याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे कि याचिका पर विचार क्यों नहीं होना चाहिए। फिलहाल न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई को 28 अगस्त तक के लिए टाल दिया है।
1 मई को याचिकाकर्ता अधिवक्ता देबोप्रियो मौलिक और आयुष श्रीवास्तव ने आरटीआई आवेदन किया था जिसमें पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट के दस्तावेज, जिस पर फंड का गठन हुआ वह पत्र या दस्तावेज और सभी नोट शीट, पत्र, संचार मेमो और आदेश या पत्र की प्रति की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि दो जून को सीपीआईओ और पीएमओ ने ये जानकारियां देने से इनकार कर दिया। इनकार करने के पीछे वजह बताई गई कि पीएम केयर्स फंड सूचना के अधिकार के तहत कोई सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 28 मार्च को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए और देश में उसके प्रसार पर रोक लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड की स्थापना करने कि जानकारी दी थी। उक्त विज्ञप्ति में पीएमओ द्वारा लोगों से अपील किया गया था की वे कोरोना वायरस के खिलाफ इस देशव्यापी जंग में सरकार का साथ दें और ज्यादा से ज्यादा दान करें। इसमें यह भी कहा गया था कि दान की गई राशि पर टैक्स में छूट मिलेगी। जिसके बाद देशभर की निजी संस्थानों और नागरिकों ने फंड में काफी पैसे जमा किए थे लेकिन सरकार इसकी जानकारी देने से बच रही है।