Bhupesh Baghel : बिजली बिल संशोधन से किसान होंगे परेशान

Chhattisgarh CM भूपेश बघेल ने विद्युत मंत्री को लिखे पत्र में विद्युत संशोधन बिल को किसानों व गरीबों के लिए बताया अहितकारी

Publish: Jun 09, 2020, 04:20 AM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में विद्युत संशोधन बिल 2020 को किसानों के लिए अहितकारी बताते हुए बिंदुवार तरीके से इस बिल की खामियों के बारे में अवगत कराया है।

केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल महीने में विद्युत संशोधन बिल की अधिसूचना जारी की गई थी जिसके तहत किसानों को बिजली में मिलनी वाली सब्सिडी की बजाय बिजली का पूरा दाम चुकाना पड़ेगा। किसानों को सब्सिडी बिजली बिल चुकाने के उपरांत मिलने का प्रावधान संशोधन बिल में किया गया है। साथ ही केंद्र सरकार ने बिल में बिजली के क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा देना का भी प्रावधान किया है। इसी सम्बन्ध में बिल में मौजूद खामियों से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विद्युत मंत्रालय को पत्र लिख कर फिलहाल के लिए बिल को स्थगित करने की मांग की है।

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क्रॉस सब्सिडी किसानों के हित में नहीं

भूपेश बघेल ने विद्युत मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि बिजली संशोधन बिल में किसानों के लिए क्रॉस सब्सिडी का प्रावधान किया गया है जो कि किसानों के हित में नहीं। बघेल ने कहा है कि इस प्रावधान से किसानों के लिए फसलों की सिंचाई करना तो कठिन हो ही जाएगा लेकिन इसके साथ ही यह बिल खाद्यान्न उत्पादन के लिए एक समस्या बन जाएगा। गौरतलब है कि बिल में क्रॉस सब्सिडी का प्रावधान होने के कारण किसानों को अब पहले की तुलना में अधिक बिजली बिल चुकाना पड़ेगा जिससे किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे में यह बिल खाद्यान्न उत्पादन के लिए बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न कर देगा। इसके साथ ही अपने पत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के खातों में पहुंचाए जाने वाले ' डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ' को फिलहाल जारी रहने देना का आग्रह किया है।

किसानों के हितों का सम्मान करे सरकार

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विद्युत मंत्री को लिखे अपने पत्र में किसानों के हितों की रक्षा व सम्मान करने की बात कही है। भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों ने ही इस देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया है। ऐसे में यह संशोधन बिल किसान विरोधी होने के साथ साथ किसानों की मेहनत का सम्मान नहीं करता है। इसके साथ ही बघेल ने अपने पत्र में विद्युत मंत्री को इस बिल को संसद में पेश करने से पहले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात चीत करने की सलाह दी है।

राज्यों के अधिकार कम करने वाला है यह बिल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विद्युत मंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित यह संशोधन बिल किसानों के हितों का अपमान कर ही रहा है लेकिन इसके साथ ही इस बिल में मौजूद प्रावधान राज्य सरकारों के अधिकारों की कटौती करते हैं। दरअसल किसी भी राज्य में बिजली व्यवस्था का संपूर्ण नियंत्रण राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है। जिसका गठन राज्य सरकारें करती हैं। लेकिन नए बिल के अनुसार अब केंद्र सरकार की चुनाव समिति का गठन करेगी जो राज्यों के राज्य विद्युत नियामक के अध्यक्ष एवं सदस्यों को नियुक्त करेगी। इस समिति में उक्त राज्य का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा। गौरतलब है कि बिजली का विषय भारतीय संविधान की समवर्ती सूची में आता है जिसके तहत इसका नियंत्रण केंद्र सरकार व राज्य सरकार दोनों के नियंत्रण में आता है। ऐसे में यह राज्य सरकारों के अधिकारों पर अतिक्रमण के साथ साथ संघीय ढांचे पर आक्रमण है।

बिजली के निजीकरण से पूंजीवाद को बढ़ावा दे रही है सरकार

भूपेश बघेल ने अपने पत्र में आगे कहा है कि यह संशोधन बिल बिजली के क्षेत्र में पूंजीवाद को बढ़ावा देने योग्य है। दरअसल बिल के अनुसार विद्युत वितरण कम्पनी ' डिस्ट्रीब्यूशन सब लाइसेंसी ' की नियुक्ति करेगी तो वहीं ' डिस्ट्रीब्यूशन सब लाइसेंसी ' बिजली आपूर्ति के लिए फ्रेंचाइजी की नियुक्ति करेगा। इसके साथ ही बिल के पास होने के बाद सरकार द्वारा ' इलेक्ट्रिसिटी एनफोर्समेंट अथॉरिटी ' का गठन किया जाएगा जिसका काम विद्युत वितरण कम्पनी और निजी क्षेत्र की बिजली उत्पादन कम्पनियों के बीच बिजली करार का पालन करना सुनिश्चित करना होगा। ज़ाहिर से बात यह केंद्र सरकार यह फैसला बिजली के क्षेत्र में पूंजीवाद को बढ़ावा देगा।