CM Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ी को 8वीं अनुसूची में शामिल करें
Chhattisgarh: मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, छत्तीसगढ़ी बोली के समृद्ध साहित्य की दी जानकारी
 
                                        रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया है। अपने पत्र में सीएम भूपेश बघेल ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ भारतीय गणतंत्र का 26वां राज्य है। साथ ही यह साल 2020 प्रदेश के गणन का बीसवां साल है, लेकिन छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। इस राज्य की पृथक पहचान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है।
छत्तीसगढ़ी भाषा का भी एक अपना इतिहास है और यह विशेष उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हीरालाल काव्योपाध्याय ने तैयार किया था। जिसका संपादन और अनुवाद प्रसिद्ध भाषाशास्त्री जार्ज ए. ग्रियर्सन ने किया था। जो 1890 में जर्नल ऑफ द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में प्रकाशित हुआ था। यही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ का विपुल और स्तरीय साहित्य उपलब्ध है तथा इसमें निरंतर वृद्धि हो रही है।
उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी की उपबोलियां और कुछ अन्य भाषाएं भी प्रचलित हैं, किन्तु राज्य की बहुसंख्या जनता की भाषा और अन्य क्षेत्रीय बोलियों के साथ संपर्क भाषा छत्तीसगढ़ी ही है।
छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को आज मैंने पत्र लिखा है।@PMOIndia pic.twitter.com/SMGs7ZK21t
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 15, 2020
प्रदेश में राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयुक्त की जाने वाली भाषा के रूप में हिन्दी के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ी को अंगीकार किया गया है। साथ ही प्रदेश में हर साल 28 नवम्बर को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस मनाया जाता है। जनभावना और आवश्यकता के अनुरूप राज्य के विचारों की परम्परा और राज्य की समग्र भाषायी विविधता के परिरक्षण, प्रचलन और विकास आदि के लिए छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का भी गठन किया गया है।
छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के संबंध में केन्द्र शासन द्वारा यह अवगत कराया जाता रहा है कि छत्तीसगढ़ी सहित देश की अन्य भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना विचाराधीन है। इस परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य की पौने तीन करोड़ जनता की भावना के अनुरूप आपसे अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ी की भाषा समृद्धि और जनभावना को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ी को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना आवश्यक है। कृपया इस पर विचार कर राज्य की जनता की भावनाओं के अनुरूप त्वरित और सकारात्मक निर्णय लेंगे।




 
                             
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
 
