जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने जब्त की 538 करोड़ की संपत्ति

ईडी ने जेट एयरवेज के फाउंडर चेयरमैन नरेश गोयल, उनकी पत्नी-बेटे और कुछ कंपनियों के 538 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया है।

Updated: Nov 01, 2023, 07:45 PM IST

नई दिल्ली। जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेट एयरवेज और नरेश गोयल परिवार से जुड़ी 538.05 करोड़ की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। एजेंसी ने नरेश गोयल, पत्नी अनीता गोयल और बेटे निवान गोयल सहित कई कंपनियों और व्यक्तियों से संबंधित 17 आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों को जब्त कर लिया है। ये सभी संपत्तियां लंदन, दुबई और भारत में स्थित हैं।

जानकारी के मुताबिक, जब्त की गई संपत्तियों में विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर 17 आवासीय फ्लैट/बंगले और बिजनेस परिसर शामिल हैं। ईडी ने केनरा बैंक की लिखित शिकायत के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने जेआईएल और उसके प्रमोटरों और निदेशकों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया था।

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एजेंसी ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि जेआईएल ने एसबीआई और पीएनबी के नेतृत्व वाले बैंकों से लिए गए ऋणों की हेराफेरी की। एजेंसी ने गोयल पर फंड को इधर-उधर करने का आरोप लगाया। ईडी की जांच के दौरान नरेश गोयल और उनके परिवार पर निजी खर्चों और निवेश के लिए धन का उपयोग करने का आरोप लगाया गया। एजेंसी ने 1 सितंबर को पीएमएलए के तहत नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को कारोबारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई के आर्थर रोड पर बंद हैं।

बता दें कि केनरा बैंक ने कहा कि उसने जेट एयरवेज को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा और ऋण स्वीकृत किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि जेट एयरवेज के संस्थापक ने दूसरे देशों में ट्रस्ट बनाकर पैसे की हेराफेरी की। नरेश गोयल ने कथित तौर पर अचल संपत्तियों को खरीदने के लिए उन ट्रस्टों का इस्तेमाल किया। ईडी ने कहा है कि उन ट्रस्टों का पैसा अपराध की कमाई के अलावा कुछ नहीं है।

प्रवर्तन निदेशालय ने एक ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि जेट एयरवेज से लिए गए लोन का इस्तेमाल संपत्तियों के अलावा फर्नीचर, कपड़े और ज्वेलरी खरीदने के लिए किया गया था। गत 12 सितंबर को अदालत में सुनवाई के दौरान, एक समय भारत की सबसे बड़ी निजी एयरलाइनों में से एक का संचालन करने वाले व्यवसायी नरेश गोयल ने कहा था कि एविएशन सेक्टर बैंक लोन पर चलता है और सभी फंडों को मनी लॉन्ड्रिंग नहीं कहा जा सकता है।