Apple ने पेगासस स्पाईवेयर निर्माता कंपनी NSO के खिलाफ ठोका मुकदमा, 100 करोड़ यूजर्स की जासूसी का आरोप

आईफोन निर्माता कंपनी ऐप्पल ने कोर्ट में कहा है कि पेगासस स्पाईवेयर से 1 बिलियन यूजर्स को टारगेट किया जा रहा है, कंपनी ने कहा है कि इसका इस्तेमाल पत्रकारों, एक्टिविस्ट और राजनेताओं के खिलाफ किया गया है

Updated: Nov 24, 2021, 07:22 AM IST

Photo Courtesy: Financial Express
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वॉशिंगटन। आईफोन निर्माता कंपनी ऐप्पल ने विवादित पेगासस स्पाईवेयर बनाने वाली कंपनी NSO ग्रुप पर मुकदमा ठोक दिया है। ऐप्पल ने आरोप लगाया है कि कंपनी के स्पाईवेयर का दुरुपयोग 1 बिलियन यानी सौ करोड़ आईफोन यूजर्स की जासूसी करने में किया जा रहा है। कंपनी ने इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने की अपील की है।

अमेरिका के कैलिफोर्निया फेडरल कोर्ट में दायर मुकदमे में ऐप्पल ने कहा है कि उसे अपने उपभोक्ताओं को उत्पीड़न और नुकसान से बचाने के लिए NSO ग्रुप पर परमानेंट रोक चाहिए। कंपनी ने कोर्ट से कहा है कि NSO ग्रुप हमारे किसी भी सॉफ्टवेयर, सर्विस या डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकता है। कंपनी ने NSO ग्रुप को कुख्यात हैकर करार देते हुए कहा है कि वे 21वीं सदी के स्वार्थी लोग हैं, जिन्होंने साइबर सर्विलांस के लिए स्पेशल मशीनरी बनाई है। 

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एप्पल ने कोर्ट के सामने उन रिपोर्ट्स को भी पेश किया है जिनमें यह दावा किया गया कि इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, एक्टिविस्टों और राजनेताओं के खिलाफ किया गया है। कंपनी ने कोर्ट से अपील की है कि NSO ग्रुप को तत्काल ब्लॉक किया जाए। कंपनी द्वारा इस संबंध में जारी प्रेस रिलीज के द्वारा दी गई। एप्पल की प्रेस रिलीज के मुताबिक पेगासस स्पायवेयर को आईफोन और एंड्रॉइड दोनों तरह के डिवाइस का माइक्रोफोन, कैमरा और दूसरे डेटा एक्सेस देने के लिए डिजाइन किया गया है।

एप्पल से पहले वॉट्सऐप भी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कोर्ट का रुख कर चुका है, तब माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने भी फेसबुक (मेटा) के इस मुकदमे का समर्थन किया था। उधर इजरायल सरकार ने कहा है कि NSO एक निजी कंपनी है और हमारा कंपनी या उसके क्लाइंट्स से कोई लेना देना नहीं है। वहीं NSO का कहना है कि यह स्पाईवेयर आतंकवाद के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ सरकारों को बेचा जाता है। 

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बता दें कि भारत में भी पेगासस सॉफ्टवेयर द्वारा जासूसी के आरोपों की जांच चल रही है। दरअसल, बीते दिनों नामी मीडिया संस्थानों ने पेगासस रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत में विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, जजों और सीबीआई अधिकारियों तक कि जासूसी की गई। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार जासूसी कांड में शामिल है। वहीं तमाम विरोध के बावजूद केंद्र यह बताने से बच रही है कि देश में पेगासस का इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं।