महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा के हाथों में है सत्ता, भारत के साथ संबंध मधुर होना मुश्किल: इमरान खान

इमरान खान ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री बनते ही भारत के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन इस वक्त जिस विचारधारा के हाथों में भारत की कमान है, उस वजह से निकट भविष्य में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में मधुरता आने की संभावना कम ही है

Updated: Feb 16, 2022, 05:05 AM IST

Photo Courtesy: Siasat.com
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नई दिल्ली। भारत पाकिस्तान के रिश्तों में जारी खटास के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत सरकार और आरएसएस की विचारधारा पर कई हमले किए हैं। इमरान खान ने एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान की कमान संभालने के साथ ही भारत के साथ रिश्तों में मधुरता लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन आरएसएस की विचारधारा के सत्ता में होने की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पाया। 

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में भारत को सबसे अच्छी तरह से सिर्फ मैं जानता हूं। मेरे भारत के कई राजनेता और मीडिया से अच्छे संबंध रहे हैं। इसलिए मैंने पाकिस्तान की हुकूमत संभालते ही भारत के साथ रिश्तों को अच्छा करने पर जोर दिया। मैंने कहा भी भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद का मसला है, जो कि बातचीत के ज़रिए सुलझाया जा सकता है। इसलिए भारत अगर एक कदम आगे बढ़ाएगा तो पाकिस्तान दो कदम आगे बढ़ाएगा। 

इमरान खान ने आगे कहा लेकिन इस वक्त आरएसएस की विचारधारा सत्ता में है, ऐसे में भारत से रिश्ते सुधरने के आसार नहीं हैं। इमरान खान ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा ने ही महात्मा गांधी की हत्या की थी। आरएसएस के संस्थापक नाजियों से प्रेरणा लेते थे। आरएसएस की विचारधारा भारत में अल्पसंखकों और मुसलमानों का दमन करने पर उतारू है, इसका नुकसान भारत को ही है। 

इमरान खान ने पुलवामा हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भारत सरकार से सबूत पेश करने की मांग भी की थी। इमरान खान ने कहा कि मैंने कहा था कि अगर भारत कोई सबूत देता है तो मैं जरूर कड़ी कार्रवाई करूंगा। लेकिन इसके एवज में भारत ने आक्रमण का रास्ता अख्तियार किया और हमने भारत के विमान को मार गिराया। बाद में हमने भारत के पायलट को छोड़ दिया।

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इमरान खान ने कहा कि भारत के रुख देखते हुए ही उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर के मसले पर दखल देने की अपील की थी। क्योंकि भारत बातचीत का रास्ता अपनाने के लिए तैयार नहीं है। 

पुलवामा हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के सभी रास्ते बंद हैं। भारत सरकार का स्पष्ट रुख है कि आतंकवाद और संवाद एक साथ नहीं चल सकते। पिछले वर्ष पाकिस्तान दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी भेजी थी। जिसमें उन्होंने पाकिस्तान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भारत का स्टैंड बता दिया था।