Indian Railway Jobs : केंद्र सरकार ने लगाई भर्तियों पर रोक

भारतीय रेलवे ने सेफ्टी पदों को छोड़कर सभी नए पदों के लिए आवेदन रद्द कर दिए

Publish: Jul 04, 2020, 05:36 AM IST

courtsey : National herald
courtsey : National herald

कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने नई भर्तियों पर रोक लगाने का फैसला लिया है। रेलवे भर्ती बोर्ड और केंद्र सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि नई भर्तियां अगले आदेश तक स्थगित रहेंगी वहीं विगत 2 वर्षों में निकाली गई भर्तियों की समीक्षा भी की जाएगी। बोर्ड ने कहा है कि रेलवे के 50 फीसदी पदों को भी सरेंडर किया जाएगा। हालांकि इस दौरान सुरक्षा संबंधी पदों पर आंशिक बहाली संभव है। 

देशभर में रेलवे की परीक्षाओं की तैयारी व रेलवे में नौकरी करने की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों के लिए बुरी खबर है। कोरोना संक्रमण का असर अब रेलवे की नौकरियों पर भी दिखने लगा है। केंद्र सरकार ने महामारी को देखते हुए निर्णय लिया है कि फिलहाल रेलवे की भर्तियों पर रोक लगी रहेंगी। भारतीय रेलवे ने सेफ्टी पदों को छोड़कर सभी नए पदों के लिए आवेदन रद्द कर दिए हैं। अब अगले आदेश तक नए पदों के लिए कोई बहाली नहीं होगी। हालांकि इस दौरान सुरक्षा पदों पर बहाली को लेकर थोड़ी छूट दी गयी है।

रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा गुरुवार को जारी आदेश के मुताबिक नई भर्तियां अगले आदेश तक स्थगित रहेगी। विगत दो वर्षों के दौरान हुई भर्तियों का समीक्षा किया जाएगा जिसमें NTPC तथा ग्रुप-डी पदों पर निकली भर्तियां भी शामिल हैं। अगर इन पदों पर अबतक भर्तियां नहीं हुई होंगी तो उन्हें सरेंडर करने पर भी विचार किया जाएगा। 

खर्च में कटौती पर रेलवे का फोकस

दरअसल, देशव्यापी लॉकडाउन के कारण रेलवे को काफी नुकसान हुआ है। 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन जारी है नतीजन लगभग दो महीनों तक ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से ठप रहा है। मई के दूसरे सप्ताह में स्पेशल ट्रेन के रूप में कुछ ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ था। लेकिन रेलवे की तरफ से घोषणा की गई है कि 12 अगस्त तक नियमित ट्रेनों का संचालन नहीं किया जाएगा। इतने दिनों तक संचालन बंद रहने से रेलवे को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है जिस वजह से अब रेलवे ख़र्चों में कटौती करना चाहता है। इस दिशा में रेलवे का निजीकरण के बाद यह दूसरा बड़ा कदम है। 

अब निजी हाथों में रेलवे

केंद्र सरकार रेलवे की निजीकरण के क्षेत्र में कदम बढ़ा दिए हैं। सरकार ने इसके लिए 109 जोड़ी ट्रेनों के लिए प्रस्ताव भी मांगा है। रेल मंत्रालय ने नोटिस जारी कर रिक्वेस्ट फ़ॉर क्वालिफिकेशन (RFQ) मांगा है। मोदी सरकार इस प्रस्ताव से 30 हजार करोड़ रुपए निवेश की उम्मीद लगाए बैठी है। कांग्रेस ने इस प्रस्ताव का जमकर विरोध किया है। पब्लिक सेक्टर्स के निजीकरण का हमेशा विरोध करने वाले राहुल गांधी ने इस फैसले पर ट्वीट कर कहा है कि, 'रेल गरीबों की एकमात्र जीवन रेखा है और सरकार उनसे ये भी छीन रही है। जो छीनना है, छीनिये। लेकिन याद रहे, देश की जनता इसका करारा जवाब देगी।