इजरायल, बहरीन और यूएई ने ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए

Middle East Deal: अरब देशों की इजरायल से पुरानी दुश्मनी की छवि टूटी, अपनी लोकप्रियता में गिरावट से जूझ रहे ट्रंप और नेतन्यायहू को फायदा संभव

Updated: Sep 19, 2020, 01:36 AM IST

Photo Courtsey : FoxBusiness
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अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास स्थान व्हाइट हाउस में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और इजरायल ने अपने संबंध सुधारने वाले ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे इतिहास के एक नए अध्याय की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि यह दुनिया के लिए शानदार दिन है।

फिलिस्तीन को लेकर दशकों से अरब देश इजरायल को अछूत मानते रहे हैं, वे इजरायल के साथ युद्ध भी लड़ चुके हैं। भू राजनीतिक परिपेक्ष्य में इजरायल और अरब देशों के बीच समन्वय बनाना दुनिया के बाकी देशों के लिए कठिन रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस समझौते के बाद दूसरे अरब देश भी इजरायल से अपने संबंध सुधारने के लिए आगे आएंगे और पश्चिम एशिया में कमोबेश शांति बहाल होगी।

पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है कि अरब देश फिलिस्तीन की आजादी के लिए पहले जितने उत्सुक नहीं रह गए हैं। भू राजनीति पटल पर उनके सामने अब ईरान इजरायल से बड़ा दुश्मन बनकर उभरा है। अमेरिका का सहयोगी होने के नाते इजरायल पहले से ही ईरान के खिलाफ है। 

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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा पांच से छह और अरब देश समझौता करना चाहते हैं, इजरायल अब बिल्कुल भी अलग थलग नहीं है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप इस समझौते के सहारे कोरोना वायरस संकट के खिलाफ अपनी असफलता को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। नेतन्यायहू के खिलाफ इस मुद्दे और भ्रष्टाचार के आरोपों पर पिछले कई दिनों से इजरायल में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं ट्रंप भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में अपने प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन से 8 प्वॉइंट से पीछे चल रहे हैं। दोनों यह दिखाना चाहते हैं कि वे अपने अपने देश के हितों को सुरक्षित रखने के लिए काबिल हैं।

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समझौते में फिलिस्तीन के हितों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई है। जबकि यही मुद्दा अरब देशों और इजरायल की दशकों पुरानी दुश्मनी के केंद्र में रहा है। फिलिस्तीन के लिए समझौते में बस इतना कहा गया कि इस मुद्दे का शांतिपूर्ण हल खोजने के लिए प्रयास किए जाएंगे। साथ ही इजरायल ने यह भी कहा है कि वह कुछ समय के लिए वेस्ट बैंक के एनेक्ससेशन योजना को रोक देगा। संयुक्त अरब अमीरात इसी को अपनी जीत बता रहा है।

दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे युद्धरत देशों के बीच हुआ समझौता बताया है। वे इस समझौते से इतने उत्साहित हैं कि उन्होंने मजाक में इसका नाम डोनाल्ड ट्रंप समझौता रखने की बात भी कही। वहीं फिलिस्तीन ने इस समझौते को अरब देशों द्वारा पीठ में छुरा घोंपने के बराबर बताया है। 

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इजरायल को उम्मीद है कि क्षेत्र में बढ़ती जा रही ईरान की सैन्य शक्ति के खिलाफ अपने साझा हितों को ध्यान में रखते हुए सऊदी अरब और ओमान भी जल्द इस समझौते में शामिल होंगे। इजरायल इससे पहले अपने दुश्मन देशों मिश्र और जॉर्डन के साथ भी समझौते कर चुका है। दूसरी तरफ भले ही इजराय ने वेस्ट बैंक के एनेक्ससेशन की योजना को निलंबित कर दिया है, लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक इजरायल ने गाजा पट्टी पर बमबारी जारी रखी है।