Nepal : नए नक्शे का बिल पारित, विरोध में एक भी वोट नहीं
India Nepal Border Dispute : नेपाल का मानना है कि भारत का कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा का 395 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र उसका हिस्सा है।

भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद में एक कदम आगे बढ़ते हुए नेपाल की सरकार ने नए नक्शे को लेकर संसद में बिल पास कर दिया। नए नक्शे को संवैधानिक मंज़ूरी देने वाले संशोधन बिल को नेपाली संसद में सभी दलों और सांसदों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। संशोधन बिल के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा।
भारत-नेपाल के बीच का कारण वह नेपाल का नया नक्शा है जिसमें नेपाल ने कालापनी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया था। उसके बाद से ही भारत और नेपाल में सीमा को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। रिश्तों में तल्खी को बढ़ाते हुए नेपाल की संसद ने आज सर्वसम्मति से संशोधन बिल को पारित कर दिया।
Nepal’s Parliament passes amendment to include the new map which includes Kalapani, Lipulekh and Limpiyadhura in the Constitution of Nepal. pic.twitter.com/ZnDR6F2boi
— ANI (@ANI) June 13, 2020
क्या होगी नेपाल में आगे की प्रकिया
नेपाली संसद के निचले सदन में संशोधन बिल आज पारित कर दिया है। सत्ताधारी दल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा संसद में विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी नेपाल के सदस्यों ने भी इस बिल का पुरज़ोर समर्थन किया। 275 सदस्यों वाली संसद में यह बिल पूर्ण समर्थन के साथ पारित कर दिया गया है। इसके बाद इस बिल को ऊपरी सदन नेशनल असेम्बली में भेजा जाएगा। जहां इसे दो तिहाई के बहुमत से पारित किया जाना आवश्यक है। अगर बिल ऊपरी सदन में भी पारित हो जाता है। तब इस बिल को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी की रज़ामंदी के लिए भेजा जाएगा। वहां से मंज़ूरी मिल जाने पर नया नक्शा लागू होगा।
क्या है विवाद?
नेपाल का मानना है कि भारत का कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा का 395 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र उसका हिस्सा है। नेपाल शुरू से ही इस क्षेत्र पर अपना दावा ठोंकता आया है। अब नेपाल उसी हिस्से को संवैधानिक तौर पर मंज़ूरी देने के लिए अग्रसर है।
आखिर विवाद का अभी इतना तूल पकड़ने की वजह क्या है ?
यूं तो नेपाल और भारत सीमा का विवाद 1816 में एंग्लो - नेपाल युद्ध के बाद हुई सुगौली संधि के बाद से ही है। नेपाल हमेशा इस क्षेत्र पर अपना दावा ठोकता भी रहा है। लेकिन वर्तमान में विवाद के तूल पकड़ने की वजह है ' रोड बनाम नक्शा' की नीति। पिछले महीने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर जाने वाले रास्ते का उद्घाटन किया था। चूंकि नेपाल उस क्षेत्र को अपने देश की सीमा में मानता है। इसलिए भारत सरकार के इस कदम के बाद नेपाल ने विवादित क्षेत्र के ऊपर अपना दावा मज़बूत करने के इरादे से नया नक्शा जारी कर दिया।