WHO ने Corona पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल रोका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को बताया था कारगर, इसकी सप्लाई के लिए भारत पर बनाया था दबाव

Publish: May 26, 2020, 10:49 PM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के इलाज में प्रयोग में लाई जाने वाली दवाई हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर रोक लगाने का फैसला किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने  हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन उपयोग में ला रहे तमाम देशों से इसके ट्रायल पर रोक लगाने की अपील की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसी अपील सुरक्षा कारणों के मद्देनजर की है।

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कहर मचा रखा है। अब तक पूरे विश्व में 55 लाख से ज़्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। तो वहीं 3 लाख से ज़्यादा मरीज़ कोरोना से जंग हार चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह निर्णय लिया है कि कोरोना से रक्षा के लिए अब  हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगाई जाए। जितने भी देश इस समय कोरोना से जंग लड़ने वाले मरीजों पर इस दवा का प्रयोग कर रहे हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उन तमाम देशों से इसके ट्रायल को रोक देने के लिए कहा है।

बता दें कि  हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को मलेरिया के इलाज में उपयोग में लाया जाता है। मलेरिया के इलाज में इस दवा को काफी प्रभावशाली माना जाता है। लेकिन इस दवा पर कोरोना संक्रमितों पर अच्छा असर पड़ने का कोई संकेत विश्व स्वास्थ्य संगठन को अब तक नहीं मिला है। ऐसे में इस दवा पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

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हाल ही में ब्रिटेन की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक माने जानी वाली लांसेट (lancet) ने कोरोना मरीजों पर ट्रायल के लिए, मलेरिया से बचाव और उससे रक्षा के लिए उपयोग में लाई जाने वाली दवा के उपर शोध किया। जिसमें इस दवा के उपयोग के परिणाम अच्छे नहीं मिले। लैंसेट ने कुल 96 हज़ार कोरोना से संक्रमित लोगों और उनके ऊपर ट्रायल किए गए  हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर रिसर्च किया। जिसमें पत्रिका ने पाया कि जितने भी मरीज़ कोरोना से जंग हार गए उनमें से अधिकतर मरीजों के ऊपर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल किया गया था। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन अब  हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना के लिए कारगर दवा नहीं मान रहा है। इसीलिए उसने तमाम देशों से जो भी इस दवा का मरीजों के उपर ट्रायल कर रहे हैं, उन देशों इस दवा के ट्रायल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

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अमेरिका ने दवा की आपूर्ति के लिए बनाया था दबाव

बता दें कि मलेरिया की इस दवा  हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति के लिए, अमेरिका ने भारत के उपर इसका दबाव बनाया था।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना से बचाव में सबसे कारगर दवा है। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस दवा के निर्यात के लिए भारत के ऊपर दबाव बनाया था। जिसके बाद भारत ने अमेरिका में इस दवा का निर्यात किया था।