दो दिन चलेगी बीजेपी के विधायकों की बैठक, सीएम शिवराज नहीं रहेंगे मौजूद

बुधवार और गुरुवार को बीजेपी के विधायक दल की बैठक होगी, बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव विधायकों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे, लेकिन इस बैठक में सीएम की गैरमौजूदगी ने कई तरह के सवालों को जन्म दे दिया है

Publish: Nov 24, 2021, 02:17 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में सीएम की कुर्सी को लेकर जारी खींचतान के बीच आज बीजेपी के विधायकों की बैठक बुलाई गई है। दो दिन चलने वाली इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव विधायकों से सीधा संवाद स्थापित करने वाले हैं। लेकिन इस बैठक में सीएम शिवराज के मौजूद न रहने वाली खबर ने एक बार फिर कई अटकलों और संभावनाओं को जन्म दे दिया है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विधायकों के साथ होने वाली इस बैठक में सीएम शामिल नहीं रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गैरमौजूदगी चौंकाने वाली इसलिए भी है क्योंकि इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी शामिल होने वाले हैं। लिहाज़ा आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर होने वाली इस बैठक से सीएम के अलग थलग रहने ने उनके कुर्सी पर बने रहने की अवधि को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

बीजेपी के विधायक दल की बैठक होशंगाबाद रोड पर स्थित आमेर ग्रीन्स में आयोजित की गई है। बैठक के पहले दिन ग्वालियर-चंबल, जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल के विधायक शामिल होंगे। जबकि अंतिम दिन यानी गुरुवार को भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर और उज्जैन संभाग के विधायकों को शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया है। 

दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक के एजेंडे के बारे में पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन मीडिया में ऐसी चर्चा है कि इस बैठक में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व विधायकों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का फीडबैक लेने वाला है। इस बैठक में विधायकों से उनके क्षेत्र की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति को लेकर भी चर्चा होनी है। इसलिए इसे एक तरह से सीएम शिवराज के रिपोर्ट कार्ड के तौर पर देखा जा रहा है। 

हालांकि बैठक समाप्त होने के ठीक अगले दिन यानी शुक्रवार 26 नवम्बर को बीजेपी कार्यसमिति की भी बैठक होनी है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा खुद सीएम शिवराज, केंद्रीय नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल सहित अन्य नेता शामिल रहेंगे। इस एक दिवसीय बैठक में चार सत्र होंगे। जिसमें आदिवासी वोट बैंक को साधने और आगामी विधानसभा चुनावों को देखते ही संगठनात्मक विस्तार पर चर्चा की जाएगी।