व्यापमं पेपर लीक: CM के OSD ने कांग्रेस नेता केके मिश्रा और आनंद राय के खिलाफ दर्ज कराई FIR

लक्ष्मण सिंह नाम के व्यक्ति के फोन से लीक हुआ था पेपर, कांग्रेस नेता केके मिश्रा और एक्टिविस्ट आनंद राय ने सीएम शिवराज के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम को बताया था दोषी, अब एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज

Updated: Mar 28, 2022, 08:14 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में व्यापमं (PEB) के माध्यम से होने वाली संविदा शिक्षक वर्ग 3 की भर्ती का पेपर लीक मामले में सवाल उठाना कांग्रेस नेता केके मिश्रा और व्यापमं घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर डॉ आनंद राय को भारी पर गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के OSD लक्ष्मण सिंह मरकाम ने दोनों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

भोपाल अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण थाने के एसीपी नितिन बघेल के मुताबिक रविवार को उप सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम एक आवेदन लेकर आए थे। जिसमें उन्होंने बताया कि 26 मार्च को सोशल मीडिया पर परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने को लेकर उनके नाम से कुछ सामग्री अपलोड की गई थी। जिससे वह अपमानित महसूस कर रहे हैं। 

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हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में केके मिश्रा और आनंद राय को आरोपी बनाया गया है। केस दर्ज होने के बाद केके मिश्रा और आनंद राय ने राज्य सरकार पर पलटवार किया है। दोनों ने कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने से न डरे हैं डरेंगे और शिवराज सरकार के घोटाले उजागर करते रहेंगे।

व्यापमं घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर डॉ आनंद राय ने वीडियो जारी कर सवाल उठाया कि, 'यह मामला जाति उत्पीड़न का कैसे हो गया? यदि किसी परीक्षा का पेपर लीक होता है, उसकी जांच करने की मांग करना जाति उत्पीड़न है? पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाना अपराध कब से हो गया? इस मामले में तो लोकायुक्त को केस दर्ज कर जांच करना चाहिए। जनता के हक के लिए परीक्षाओं में पारदर्शिता की बात करने वालों को अपराधी बनाया जा रहा है। इससे साफ है कि सीएम शिवराज अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को दबा रहे हैं।'

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा है कि, 'धन्यवाद सरकार, अन्य मामलों में मुझे डरा/खरीद नहीं पाए तो अब एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग, FIR ! मुझे खुशी होती इसके पहले शिक्षक भर्ती वर्ग-3 परीक्षा धांधली को लेकर दोषियों के खिलाफ FIR होती? सच व भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने से न तब डरा था न अब डरूंगा।'

दरअसल, शनिवार को प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2020 MP-TET में धांधली की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। कांग्रेस नेताओं ने पेपर लीक का स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। बाद में दावा किया गया कि पेपर लीक सीएम के ओएसडी लक्ष्मण सिंह के फोन से हुई है। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने लक्ष्मण सिंह के फोन की फॉरेंसिक जांच कराने की मांग की। हालांकि, अब सवाल उठाने वालों के खिलाफ ही मुकदमा हो गई। वहीं पेपर लीक के संबंध में जांच तक के आदेश नहीं दिए गए हैं। सरकार के इस रवैये से अभ्यर्थियों में भी आक्रोश है। 

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बता दें कि इसके पहले भी व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासकीय आवास में रह रहे तत्कालीन ओएसडी प्रेमप्रकाश का नाम बतौर आरोपी सामने आया था। जिसके बाद उन्हें जिला न्यायालय, भोपाल से अग्रिम जमानत भी करवानी पड़ी थी।